रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के चांदखुरी गांव के लोकप्रिय माता कौशल्या मंदिर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पूजा अर्चना की। तत्पश्चात, सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत को मंदिर पहुंचकर शांति महसूस की होगी। उन्होंने कहा कि, भागवत को प्रभु श्री राम की मां के मंदिर में कांग्रेस की ओर से आंमत्रित किया गया। दूसरी तरफ RSS ने कहा कि मोहन भागवत के मंदिर जाने का सत्तारूढ़ पार्टी के निमंत्रण से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रांत संघचालक पूर्णेंदु सक्सेना एवं प्रदेश के अन्य RSS नेता भागवत के साथ रायपुर माता कौशल्या मंदिर पहुंचे। यहां के बाद भागवत रायपुर शहर के VIP रोड स्थित भगवान राम मंदिर गए तथा पूजा अर्चना की।
आपको बता दें कि प्रभु श्री राम की माता कौशल्या का मंदिर, कांग्रेस सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी 'राम वन गमन' पर्यटन सर्किट परियोजना के तहत बनाया गया था, जिसके तहत प्रदेश के सभी अहम स्थान जहां भगवान राम के बारे में माना जाता है। उनके निर्वासन के चलते की गई यात्राओं को पर्यटकों के आकर्षण के स्थानों के तौर पर विकसित किया जा रहा है। शोध विद्वानों का कहना है कि चांदखुरी माता कौशल्या का जन्मस्थान है तथा यह उन्हें समर्पित दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है।
बता दे कि RSS की तीन दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक में भाग लेने के लिए 6 सितंबर को भागवत रायपुर आए थे। बैठक में बीजेपी के प्रमुख जेपी नड्डा भी सम्मिलित हुए, जो सोमवार रात दिल्ली के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने RSS प्रमुख एवं संघ के अन्य नेताओं को माता कौशल्या मंदिर के दर्शन के लिए आमंत्रित किया था क्योंकि वे समन्वय बैठक के लिए रायपुर में हैं। सोमवार को कांग्रेस के रायपुर जिलाध्यक्ष गिरीश दुबे ने जैनम मानस भवन पहुंचे जहां RSS की समन्वय बैठक हुई तथा उन्होंने भागवत को संबोधित एक पत्र संघ पदाधिकारियों को सौंपा। चिट्ठी में कहा गया है कि भूपेश बघेल सरकार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के कदम उठा रही है, यह देखने के लिए RSS प्रमुख को मंदिर आने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
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