नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज मंगलवार (31 जनवरी) से शुरू हो चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कल यानी 1 फरवरी को देश का आम बजट (Union Budget 2023-24) पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा। बता दें कि, बजट सरकार की कमाई और खर्च का लेखाजोखा होता है और इसे तैयार करने की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है। बजट के छपाई में जाने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। वर्तमान समय में यह सेरेमनी नॉर्थ ब्लॉक में होता है। इसी ब्लॉक में वित्त मंत्रालय भी स्थित है। बजट की छपाई भी नॉर्थ ब्लॉक में ही की जाती है। लेकिन, पहले ऐसा नहीं होता था।
दरअसल, देश आजाद होने के बाद बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में हुआ करती थी। अब सवाल उठता है कि फिर नॉर्थ ब्लॉक में छपाई कैसे शुरु हुई? आज़ादी के बाद देश के प्रथम वित्त मंत्री शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को आज़ाद भारत का पहला बजट पेश किया था। रिपब्लिक भारत यानी संविधान अपनाने के बाद का सबसे पहला बजट वर्ष 1950 में तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू सरकार के वित्त मंत्री जॉन मथाई (John Matthai) ने पेश किया था। हालांकि, संसद में पहुंचने से पहले ही इस बजट का एक हिस्सा लीक हो गया था, उस समय बजट राष्ट्रपति भवन में छपा करता था।
बजट लीक होने से आक्रोशित लोगों ने सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन किया था। हंगामा इतना बढ़ गया था कि बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री जॉन मथाई को अपने पद से त्यागपत्र तक देना पड़ गया। इसके बाद बजट छपाई की जगह बदल दी गई। बजट नई दिल्ली के मिंटो रोड में छपने लगा। हालांकि, वर्ष 1980 में बजट छपाई का स्थान फिर बदला और इसकी मशीन को नॉर्थ ब्लॉक में लगाने का फैसला लिया गया। इसके बाद से आज तक बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक में ही हो रही है।
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