कोविड लोगों को अब सिर्फ अपनी चपेट में नहीं ले रहा है बल्कि मानसिक रूप से प्रताड़ित भी हो रहे है। कई केसों में ऐसा भी देखा गया है कि परिवार में किसी एक सदस्य को कोविड हुआ है और इस वायरस ने पूरे परिवार को बर्बाद कर चुका है। ठीक ऐसा ही एक केसों महाराष्ट्र के नांदेड़ से आया है, जहां पति की कोरोना से मौत होने के बाद पत्नी ने अपने 3 वर्ष के बच्चे के साथ तालाब में कूदकर सुसाइड कर लिया।
कोविड का खौफ लोगों में इस तरह फैल रहा है कि लोग अब खुद की जान लेना पसंद कर रहे है। जी हां पूरे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप है और महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक के सुनने को मिले है। गवर्नमेंट की लाख कोशिशों के उपरांत भी यहां संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के नांदेड़ में लोहा तहसील में एक पूरा परिवार कोविड की वजह से खत्म हो गया है। इस परिवार में कोरोना को केवल एक ही शख्स को ही हुआ था लेकिन परिवार पूरा ही बर्बाद हो चुका है। हनुमंत शंकर अपने परिवार का पेट पालने के लिए चाट बेचते थे लेकिन कोरोना की चपेट में आकर उनकी जान चली है। जंहा इस बात का पता चला है कि अपने पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी सदमे में आ गई और अपनी 3 वर्ष के बच्चे के साथ तालाब में कूदकर जान दे दी।
बता दें कि इलाज के बीच ही हनुंमत शंकर की जान चली गई। हनुमंत के परिवार में दो लड़के और एक लड़की थी। पुलिस की माने तो पति की मौत के उपरांत पेट भरने का साधन ना होने के दुख के चलते पत्नी ने अपने 3 वर्ष के लड़के के साथ तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली। खानाबदोश की तरह अपना जीवन यापन कर रहे ऐसे लोगों का आंकड़ा 500 हो गया है, जिनके पास ना तो राशन कार्ड है और दूसरी सरकारी प्रमाण पत्र। यही वजह है कि ये लोग सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं ले पाते हैं।
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