जब माता वैष्णो देवी ने बचाई थी अपने भक्तों की जान, लोग कहते रहे थे 'जय माता दी'

जब माता वैष्णो देवी ने बचाई थी अपने भक्तों की जान, लोग कहते रहे थे 'जय माता दी'
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कहा जाता है अगर माँ की कृपा हो तो कुछ भी संभव हो जाता है। वहीं अगर भक्त सच्चे मन से अपने भगवान को पुकारे तो भगवान उसकी रक्षा स्वयं करते हैं। जी दरअसल इसका जीता-जागता उदाहाण वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर डाला–बारी खनन क्षेत्र में स्थित मां वैष्णो देवी का मंदिर है। यह मंदिर अपनी स्थापना के बाद से ही विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है। आपको बता दें कि यहां हर दिन भक्तों की भीड़ लगी होती है और नवरात्रि के दौरान तो यहाँ पाँव रखने तक की जगह नहीं मिलती है। मां वैष्णो शक्तिपीठ धाम की स्थापना का इतिहास एक आश्चर्यजनक घटना पर आधारित है। आपको बता दें कि एक किस्सा है जो इसी मंदिर से जुड़ा है।

जी दरअसल सन 2001 की बात है, जब चोपन निवासी मदनलाल गर्ग अपने घर से कार लेकर कटरा वैष्णो देवी के लिए परिवार सहित निकले, रास्ते में अचानक उनकी कार एक ट्रक में जा घुसी और ट्रक का शिकार हो गई। उस समय बहुत जबर्दस्त ढंग से कार ट्रक में घुसी थी, जिसे देखकर लोग सोच रहे थे कि कार में सवार कोई नहीं बचा होगा। काफी समय के प्रयास के बाद जब ट्रक के अन्दर से कार को निकाला गया तो कार में सवार लोग बिल्कुल सुरक्षित निकले। उस समय वहां मौजूद लोगों ने कहा कि ये सब माता वैष्णो देवी के चमत्कार से हुआ है और लोगों ने वहीं मां वैष्णो का मंदिर निर्माण कराये जाने की ठान ली। आप सभी को बता दें कि यह क्षेत्र पहाड़ों से घिरा और सोन नदी के किनारे पर है और यहां पत्थर की खदाने और क्रशर प्लांट ही थे। कभी भी लोगों ने इतने बड़े मंदिर निर्माण की कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो मां की असीम कृपा से पैसा आता गया और मंदिर निर्माण का कार्य होता गया।

आपको बता दें कि इस मंदिर निर्माण के लिए कभी पैसों की कमी नहीं हुई। वहीं जिस दिन जम्मू से अखंड ज्योति नवनिर्मित मंदिर में लाई गई तो अचानक मौसम बदल गया और एकाएक तेज हवा, बादलों की गरज के साथ घनघोर बारिश हुई, जिससे लोगों को एहसास हुआ कि वास्तव में कोई शक्ति का पदार्पण मंदिर में हुआ है। आपको बता दें कि इस मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए पहले आपको गुफा से होकर गुजरना होगा। जी दरअसल इस गुफा में जगह-जगह जंगल और जंगली जानवर हाथी, बाघ ,चीता, लंगूर, बंदर, भालू, सांप का प्रतिरूप निर्मित है जिसे एक बारगी देख श्रद्धालु डर जाते हैं वहीँ उनको देखकर भक्तों को अच्छा लगता है।

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