जब पुलिस बनी रक्षक..! सड़क पर तड़प रहे युवक की जान बचाने फरिश्ता बनकर आए DSP, देखें Video

जब पुलिस बनी रक्षक..! सड़क पर तड़प रहे युवक की जान बचाने फरिश्ता बनकर आए DSP, देखें Video
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पुणे: महाराष्ट्र के पुणे के वानवडी इलाके में एक पुलिस अधिकारी ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है। यह घटना तब घटी जब इलाके के व्यस्त जगताप चौक पर एक कार ने एक दोपहिया सवार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद युवक सड़क पर गिर पड़ा और अचानक दौरा पड़ने के कारण उसके हाथ-पैर बेतहाशा कांपने लगे।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया देखकर हैरानी हुई। कुछ लोग मौके पर खड़े होकर तमाशा देख रहे थे, तो कुछ ने अपने मोबाइल फोन निकालकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच पुणे पुलिस के उपायुक्त (DCP) डॉ. संदीप भाजीभाकरे वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी गाड़ी रोकी और स्थिति को भांपते हुए मदद के लिए आगे बढ़े। डॉ. भाजीभाकरे, जो कि एक प्रमाणित डॉक्टर भी हैं, ने अपने चिकित्सा कौशल का उपयोग करते हुए युवक को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया। उन्होंने तेजी से युवक की जांच की और स्थिति को नियंत्रित किया। उनकी इस तत्परता ने युवक की जान बचा ली। घटना के बाद, वहां खड़े लोग भी मदद के लिए आगे आए और मिलकर घायल युवक को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक का इलाज शुरू किया और बताया कि अब वह पूरी तरह सुरक्षित है।

 

घटना के कुछ देर बाद ही वहां मौजूद लोगों द्वारा रिकॉर्ड किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में डीसीपी डॉ. संदीप भाजीभाकरे की तेजी और साहसिक कदम की खूब सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें 'रियल लाइफ हीरो' कहकर संबोधित कर रहे हैं। डॉ. संदीप भाजीभाकरे की इस अलर्टनेस और मानवता ने न केवल युवक की जान बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि पुलिस अधिकारी न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हैं, बल्कि संकट की घड़ी में जीवन रक्षक भी बन सकते हैं। 

 

उनकी यह पहल समाज के लिए प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि सही समय पर लिया गया एक फैसला कितनी जिंदगियां बचा सकता है। पुणे में इस घटना के बाद से डॉ. भाजीभाकरे की बहादुरी की चर्चा हर ओर हो रही है। स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स उनकी प्रशंसा में पोस्ट कर रहे हैं। वहीं, यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक भी है जो ऐसी परिस्थितियों में तमाशबीन बनकर वीडियो बनाने में व्यस्त रहते हैं। पुलिस अधिकारी डॉ. संदीप भाजीभाकरे ने यह साबित कर दिया है कि ड्यूटी के अलावा मानवता की सेवा भी उनका फर्ज है।

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