वाशिंगटन: दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही जुर्म की वारदात आज के समय में इस कदर तेजी पकड़ ली है कि इससे लोगों में और भी ज्यादा डर पैदा हो चुका है. वहीं हर दिन कोई न कोई नया मामला सामने आ ही जाता है, जो रूह को पूरी तरह से हिला कर राज देता है. वहीं आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची घटना के बारें में बताने जा रहे. वो 30 मार्च, 1981 का दिन था. राष्ट्रपति रेगन हिल्टन होटल से अपनी लिमोजीन कार की तरफ जा रहे थे. वहां मौजूद हिंकले जूनियर ने मशहूर जर्मन पिस्तौल रोएम से उनके ऊपर ताबड़तोड़ छह गोलियां बरसा दीं. उनपर इस जानलेवा हमले की खबर पूरे अमेरिका और विश्व में आग की तरह फैल गई. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति पर इस तरह का हमला सुनकर हर कोई हैरान था.
वहीं यूं तो राष्ट्रपति कैनेडी की हत्या के बाद अमेरिकी राष्ट्रपतियों की सुरक्षा बहुत कड़ी कर दी गई थी. उन्हें लगभग हर समय बुलेटप्रूफ जैकेट पहनना होता था. इसके अलावा यही नियम उनके बॉडीगार्ड पर भी लागू होता था. लेकिन उस वक्त रेगन ने बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी क्योंकि उनसे महज 30 फीट की दूरी पर उनकी कार खड़ी थी. उनके सभी बॉडीगार्ड चौकन्ने थे, लेकिन इस बात से बेखबर थे कि वहां मौजूद एक शख्स के हाथ में तनी रिवाल्वर रेगन का इंतजार कर रही है. इसको संयोग ही कहा जाएगा कि कोई भी गोली रेगन को सीधे नहीं लगी. गोलियां चलने के बाद सभी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया था. इसी घेरे में उन्हें उनकी कार तक ले जाया गया. तभी एक गोली उनके बुलेटप्रूफ शीशे से टकराकर उनकी बाईं छाती में धंस गई. उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. इस रास्ते को तय करने में महज चार मिनट लगे, लेकिन तब तक राष्ट्रपति रीगन खून की उलटियां करने लगे थे. उनके सीने में लगी गोली फेफड़ों तक पहुंच चुकी थी और उनके दिल से सिर्फ एक इंच की दूरी पर थी. जब उन्हें जॉर्ज वाशिंगटन अस्पताल पहुंचाया गया, तो वहां स्ट्रेचर नहीं था. रेगन खुद चलते हुए अस्पताल के अंदर गए. लेकिन तब तक उनके चेहरे पर बेहोशी छाने लगी थी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. कुछ देर बाद वो घुटनों के बल जमीन पर बैठ गए.
जानकारी के लिए हम बता दें कि डाक्टरों ने तुरंत उनके ऑपरेशन की तैयारी की और उनके शरीर में लगी गोली को निकालकर उन्हें बचा लिया गया था. जब उन्होंने आंख खोली, तो मजाकिया लहजे में पूछा, "उम्मीद है कि आप सब यहां रिपब्लिकन ही होंगे. इसको उनकी जीवटता ही कहा जाएगा कि इस घटना के महीने भर के अंदर रेगन दोबारा व्हाइट हाउस में अपने काम पर लौट आए. वो दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. उनकी गिनती अमेरिका के सफलतम राष्ट्रपतियों में होती है. शीत युद्ध खत्म करने में भी उनका बड़ा योगदान था. 5 जून 2004 को उनका निधन हुआ था.
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