फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक 8 दिनों तक होलाष्टक के चलते इन 8 दिनों में शुभ कार्य नहीं किए जाते किन्तु देवी-देवताओं की आराधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं. इन 8 दिनों के मध्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान, जमीन, वाहन क्रय एवं विक्रय आदि निषेध माने गए हैं. होलाष्टक होलिका दहन से 8 दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के चलते मांगलिक और शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है.
इस दौरान क्या करें:
धार्मिक कार्य: होलाष्टक में भगवान विष्णु और शिव की विशेष पूजा करें।
दान: गरीबों को दान करें।
होली की तैयारी: रंगों, पिचकारियों, और अन्य सामग्री की तैयारी करें।
स्वास्थ्य: अपनी सेहत का ध्यान रखें।
इस दौरान क्या न करें:
शुभ कार्य: शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, वाहन, या जमीन खरीदना, आदि शुभ कार्य न करें।
नए कार्य: कोई नया काम शुरू न करें।
यात्रा: यदि आवश्यक न हो तो यात्रा न करें।
मांगलिक कार्य: जन्मदिन, वर्षगांठ, आदि जैसे मांगलिक कार्य न करें।
होलाष्टक के दौरान कुछ विशेष सावधानियां:
घर में झाड़ू-पोछा करते समय सावधान रहें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
क्रोध और झगड़े से बचें।
शांत और धार्मिक माहौल बनाए रखें।
यह भी ध्यान रखें:
होलाष्टक के दौरान किए गए कार्यों का फल कम मिलता है।
यदि आपको किसी शुभ कार्य को करवाना है तो आप किसी विद्वान पंडित से सलाह ले सकते हैं।
होलाष्टक का समय आत्मचिंतन और आत्म-सुधार का समय होता है। इस दौरान हमें अपनी गलतियों पर विचार करना चाहिए और उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
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