सावन में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सावन में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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सावन का महीना भगवान शिव के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में प्रत्येक माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा का एक प्रमुख अवसर है, जिससे भक्तों को उनके सभी महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। सावन का प्रदोष व्रत विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सावन का पहला प्रदोष व्रत
सावन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 1 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 2 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस प्रकार, सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त, गुरुवार को होगा, जिसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 अगस्त की शाम 07 बजकर 12 मिनट से लेकर 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

शुभ योग:
नक्षत्र: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर 2 अगस्त सुबह 10 बजकर 24 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा, जो कि अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, आर्द्रा नक्षत्र का भी योग बनेगा।
हर्षण योग: यह योग 2 अगस्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा और शुभ कार्यों के लिए सही माना जाता है।
शिव वास योग: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर 2 अगस्त दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक शिव वास योग रहेगा, जो रुद्राभिषेक के लिए विशेष शुभ समय होता है।
अभिजित मुहूर्त: यह मुहूर्त 2 अगस्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

सावन का दूसरा प्रदोष व्रत
सावन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त 2024 को सुबह 08:05 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 18 अगस्त को सुबह 05:51 मिनट पर होगा। इस प्रकार, सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 17 अगस्त, शनिवार को होगा, जिसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अगस्त शाम 06 बजकर 58 मिनट से लेकर 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।

शुभ योग:
प्रीति योग: यह योग 17 अगस्त सुबह 10:48 मिनट तक रहेगा।
आयुष्मान योग: यह योग 18 अगस्त सुबह 07:51 मिनट तक रहेगा।
शिव वास योग: इस समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर होते हैं और रुद्राभिषेक के लिए विशेष शुभ समय माना जाता है। सावन के शुक्ल प्रदोष व्रत पर शिव वास 17 अगस्त सुबह 08:05 मिनट तक रहेगा और नंदी पर 18 अगस्त सुबह 05:51 तक रहेगा।
अभिजित मुहूर्त: यह मुहूर्त 17 अगस्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।

इन विशेष अवसरों पर भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने से भक्तों को अत्यधिक पुण्य और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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