जब पगड़ी पहन सकते हैं, तो हिजाब क्यों नहीं ? मुस्लिम पक्ष के सवाल पर SC ने दिया ये जवाब

जब पगड़ी पहन सकते हैं, तो हिजाब क्यों नहीं ? मुस्लिम पक्ष के सवाल पर SC ने दिया ये जवाब
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नई दिल्ली: शीर्ष अदालत में आज हिजाब मामले पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यह संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है। हमारा संविधान कहता है कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, तो क्या एक धर्मनिरपेक्ष देश में आप यह कह सकते हैं कि हमें सरकार द्वारा संचालित संस्थान में धार्मिक कपड़े पहनना है। वहीं, सुनवाई के दौरान वकील राजीव धवन ने कोर्ट से कहा कि यह एक संवैधानिक मुद्दा है। कोर्ट को यह फैसला लेना है कि मुस्लिम महिलाएं धार्मिक परंपरा के अनुसार, कपड़े पहनेंगी या नहीं।

राजीव धवन ने कोर्ट से कहा हिजाब का मामला एक संवैधानिक प्रश्न से जुड़ा हुआ है, जिसे इस मामले ने पहले नहीं निपटाया है। यह एक महत्वपूर्ण सवाल से जुड़ा हुआ है कि क्या हिजाब इस्लाम के लिए अनिवार्य है? धवन ने आगे कहा, ‘जब कोई निर्धारित ड्रेस कोड हो, तो क्या पगड़ी पहनी जा सकती है?’जब याचिकाकर्ताओ ने पगड़ी का हवाला दिया तो सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि पगड़ी की तुलना हिजाब से नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि, ‘पगड़ी केवल धार्मिक पोशाक नहीं है। मेरे दादा वकालत करते हुए भी पगड़ी पहना करते थे, तो पगड़ी को केवल धर्म से नहीं जोड़िए।’

इसके जवाब में मुस्लिम पक्ष के वकील धवन ने कहा कि यहां उन लाखों लड़कियों का प्रश्न है, जो स्कूल ड्रेस का पालन करती हैं। हालांकि हिजाब पहनने की जिद्द भी करती हैं। यहां प्रश्न यह है कि क्या धार्मिक कपड़ों के अधिकार को स्कूल ड्रेस या किसी वर्दी में सीमित किया जा सकता है? वकील धवन ने आगे कहा कि यह सुझाव दिया गया था कि दुपट्टा और वर्दी एक ही कलर का हो। यहां तक कि इस अदालत में भी कुछ महिलाएं पहनती हैं। अब स्कूलों में क्या उन्हें हिजाब को हटाने के लिए कहा जाना चाहिए? यह कोर्ट क्या फैसला लेगी, इसपर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। हिजाब पर फैसला देश और पूरे विश्व में महिलाओं को प्रभावित कर सकता है।

न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि वे शिक्षा के अधिकार से इनकार नहीं कर रहे हैं, बस ड्रेस कोड के बारे में बात कर रहे है।  वकील संजय हेगड़े ने कहा कि लेकिन चुन्नी भी तो ड्रेस का पार्ट होती है। इस पर जज गुप्ता ने कहा कि कंधों को ढकने के लिए चुन्नी का इस्तेमाल किया जाता है, कृपया चुन्नी की तुलना हिजाब के साथ न करें। सिख महिलाएं गुरुद्वारे में अपना सिर ढकने के लिए चुन्नी पहनती हैं। इसी के साथ सोमवार को हिजाब मामले की सुनवाई समाप्त हो गई है। अगली सुनवाई बुधवार दोपहर 2 बजे से आरम्भ होगी।

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