आज के बदलते दौर में हर इंसान एक अच्छा जीवन जीना चाहता है, हर व्यक्ति चाहता है कि उसे भी एक अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए हर सुविधा मिले वह चाहता है कि उसके पास भी एक अच्छा घर हो, एक अच्छे गाड़ी हो, बैंक बैलेंस हो और उसका पूरा परिवार खुशहाल रहे है. इन जरूरतों को पूरा करने के लिए वह हर तरह की मेहनत करता है यही नहीं बल्कि वह कई तरह के तरीके भी आजमाता है.
अगर आप भी एक अच्छा घर चाहते है और चाहते है कि आपके पास भी एक अच्छी कार हो तो अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योकि आज हम आपको बताएँगे कुछ ऐसी बातें जिनकी मदद से आप ये पता कर सकते है कि आप कब एक कार के मालिक बन सकते है. तो चलिए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में वे कौन से ग्रहयोग होते हैं जो जातक को वाहन सुख प्रदान कराते हैं. जन्मपत्रिका के चतुर्थ भाव, चतुर्थेश व शनि से वाहन सुख का विचार किया जाता है.
इसके साथ वैभव-विलासिता के नैसर्गिक कारक शुक्र का साथ होना भी जरुरी है, यदि जन्मपत्रिका में चतुर्थेश अशुभ भावों जैसे छ्ठे, आठवे व बारहवे भावों में स्थित हो एवं चतुर्थ भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो व शनि-शुक्र निर्बल हों तो ऐसे जातक को वाहन सुख प्राप्त नहीं होता. यदि कुण्डली में नवम, दशम व लाभ भाव में शुक्र के साथ चतुर्थेश की युति हो तो वाहन की प्राप्ति होती है. इसके अलावा भी चतुर्थ भाव का स्वामी तथा नवम भाव का स्वामी अगर लग्न भाव में बैठा है तो व्यक्ति को वाहन सुख मिलता है.
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