नई दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDI गठबंधन के चुनावी वादों के मद्देनजर मुस्लिम महिलाओं ने विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए वित्तीय वादों की मांग शुरू कर दी है। एक महत्वपूर्ण घटना में महिलाओं ने नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा की कारों को घेर लिया और वादा किए गए एक-एक लाख रुपये की मांग की। इन महिलाओं ने नेताओं को चुनाव के दौरान किए गए वादे की याद दिलाई कि उन्हें जल्द ही 'खटाखट' पैसा मिलेगा।
दिल्ली में महिलाओं ने संजय सिंह और राघव चड्ढा को घेर लिया ????
— Chandan Sharma (@ChandanSharmaG) June 7, 2024
महिलाओं ने कहा के 1 लाख रुपये देने का जो वादा किया था, वह पुरा करों
पहले बैंगलुरू, फिर लखनऊ, अब दिल्ली
झूठ की गारंटी पर चुनाव लड़ तो लिया लेकिन अब INDI एलायंस के नेता घर से निकलने से डर रहे हैं। pic.twitter.com/gHKDJ0COry
दरअसल, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसे देने का वादा किया था, जिसमें महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये और बेरोजगार युवाओं को नियमित वेतन देना शामिल था। INDI गठबंधन ने बाकायदा इन वादों के साथ गारंटी कार्ड बांटे थे। सिंह और चड्ढा की गाड़ियों को घेरने वाली मुस्लिम महिलाओं ने उनसे वो पैसा माँगा, जिसका वादा राहुल गांधी और अन्य विपक्षी ने किया था। दरअसल, कांग्रेस ने अपनी चुनावी रैलियों में वादा किया था कि 5 जून, 2024 से उनके खातों में खटाखट-खटाखट पैसा आना शुरू हो जाएगा। हालाँकि, आक्रामक मांगों के बावजूद, AAP के दोनों नेताओं के पास इसका जवाब नहीं था, वे जैसे तैसे महिलाओं से बचकर निकलते नज़र आए।
लखनऊ के बाद अब बेंगलोर से भी आई न्यूज
— rebanta pandey (@Jitu172) June 5, 2024
महिलाएं खटाखट स्कीम के तहत आने वाले
8.5हज़ार रूपये के लिए हज़ारों की संख्या में पोस्ट ऑफिस पंहुची..
तो यह कहा जा सकता है कि UP,और कर्नाटक में N.D.A के खराब प्रदर्शन और I.N.D.I.A के धमाकेदार प्रदर्शन का असल वजह यही था....
खटाखट खटाखट खटाखट… pic.twitter.com/d3vuXCinFI
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय में भी इसी तरह के दृश्य सामने आए थे, जहां मुस्लिम महिलाओं की लंबी कतारें लगी हुई थीं, जो वादा किए गए एक लाख रुपये की मांग कर रही थीं। अपने पहचान पत्र और कांग्रेस के 'गारंटी कार्ड' के साथ ये महिलाएं वादे के मुताबिक, खटाखट पैसे और स्थायी नौकरी की मांग कर रही थीं। गारंटी कार्ड में कर्ज माफी और शिक्षित युवाओं के लिए नियमित वेतन के वादे भी शामिल थे। बैंगलोर में भी मुस्लिम महिलाएं इसी पैसे की मांग करते हुए कांग्रेस ऑफिस पहुंची थी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के महत्वाकांक्षी चुनावी वादे अब एक बड़ी चुनौती बन गए हैं, क्योंकि उन्हें अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए जनता के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
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