कहाँ हैं केंद्रीय मंत्री..? दिल्ली की हवाओं में बढ़ा जहर, तो AAP को याद आई केंद्र सरकार

कहाँ हैं केंद्रीय मंत्री..? दिल्ली की हवाओं में बढ़ा जहर, तो AAP को याद आई केंद्र सरकार
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नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज शुक्रवार (3 नवंबर) को केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश की है। राय से कहा कि, "केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कहां हैं?" उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव पर भी हमला बोला है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए सबसे अधिक प्रदूषण पड़ोसी राज्यों से आता है और "विपक्षी नेताओं और केंद्र को इससे निपटने के लिए आपातकालीन बैठकें करनी चाहिए।"

रिपोर्ट के अनुसार, गोपाल राय ने प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और सभी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध सहित सभी आपातकालीन उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "दिल्ली में धुंध है और सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं।" इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, "केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कहां हैं? क्या भारतीय जनता पार्टी की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है?" गौर करने वाली बात ये है कि, कुछ सालों पहले तक दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार, प्रदूषण के लिए पंजाब में जल रही पराली को जिम्मेदार ठहराती थी, लेकिन अब पंजाब में भी AAP की सरकार है, तो दिल्ली सरकार उसपर आरोप लगाने से तो रही। अब हाल ही में दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा था कि, उनके पास ये बताने के लिए कोई डाटा नहीं है कि, प्रदूषण किस कारण से हो रहा है ? बीते दो सालों से दिल्ली में दिवाली पर हर तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, यहाँ तक कि, बेहद कम धुआं छोड़ने वाले ग्रीन पटाखों पर भी बैन है। लेकिन, इसके बावजूद दिल्ली की हवाएं लगातार जहरीली होती जा रही हैं। तो क्या सरकार प्रदूषण का असल कारण पता लगाने में नाकाम रही है ?

बता दें कि, दिल्ली के पूर्ण राज्य न होने के चलते, दिल्ली सरकार के पास वैसे भी बहुत कम विभाग हैं। यानी दिल्ली सरकार को केवल पर्यावरण, खाद्य आपूर्ति, वित्त, श्रम एवं रोज़गार, सिंचाई, पानी, स्वास्थय, महिला बाल विकास जैसे कुछ विभाग ही संभालने होते हैं। किन्तु, इसके बावजूद भी बीते 10 वर्षों में न तो यमुना नदी से जहरीला झाग ख़त्म हो पाया है और न ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। जबकि सीएम केजरीवाल लगातार यमुना और वायु प्रदूषण को लेकर वादे करते रहते हैं। 2015 में भी सीएम केजरीवाल ने वादा किया था कि, 'अगले साल तक यमुना साफ़ कर दूंगा, आपके साथ मैं भी डुबकी लगाऊंगा।' लेकिन, न यमुना साफ़ हुई और न ही मुख्यमंत्री ने डुबकी लगाई। अब सीएम केजरीवाल ने एक बार फिर 2025 चुनाव के बाद यमुना साफ करने का वादा किया है।   


   
दिल्ली में वायु प्रदूषण:-
दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता शुक्रवार की सुबह "गंभीर प्लस" श्रेणी में गिर गई, एक ऐसा चरण जब प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और सभी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध सहित सभी आपातकालीन उपायों को शुरू करना और लागू करना अनिवार्य है। ये उपाय केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के अंतिम चरण का गठन करते हैं और आदर्श रूप से राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 अंक को पार करने से कम से कम तीन दिन पहले सक्रिय किया जाना चाहिए, जैसा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा तैयार नीति दस्तावेज़ में बताया गया है। 

शहर का AQI गुरुवार सुबह 10 बजे 351 से बढ़कर शुक्रवार सुबह 9 बजे 471 हो गया, जो अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेज वृद्धि के कारण प्रदूषण के स्तर में अचानक वृद्धि को दर्शाता है। शहर का 24 घंटे का औसत AQI, प्रत्येक दिन शाम 4 बजे दर्ज किया गया, गुरुवार को 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था।

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