पोर्ट ब्लेयर: अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित हैवलॉक द्वीप में आज (26 नवंबर) G-20 देशों की मीटिंग चल रही है। इस मीटिंग के लिए कई देशों के प्रतिनिधि 25 नवंबर को पोर्ट ब्लेयर पहुँचे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। G-20 मीटिंग से एक दिन पहले प्रत्येक देश के प्रतिनिधि मंडल ने नेशनल मेमोरियल सेलुलर जेल का दौरा किया। बता दें कि, ये वही कालापानी वाली जेल है, जहाँ अंग्रेज कभी उन लोगों को रखा करते थे, जिनसे उन्हें खतरा होता था। इस जेल में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने अपनी जिंदगी के लगभग 10 साल गुजारे थे।
#G20 Heads of Missions visited Cellular Jail in Port Blair.#G20 #G20India ???????? pic.twitter.com/XajelN9mOv
— G20 India (@G20_India) November 25, 2022
रिपोर्ट के अनुसार, G20 मीटिंग के लिए दिल्ली आए प्रतिनिधियों में भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस, रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव, जर्मन दूत डॉ. पी एकरमैन और भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओफारेल शामिल हैं। मीडिया से बात करते हुए सांसद कुलदीप राय शर्मा ने कहा था कि, 'अंडमान के लोग इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं, और प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। जहाँ तक पर्यटन का संबंध है, यह न सिर्फ हमारे खूबसूरत द्वीपों को वैश्विक मानचित्र पर लाएगा, बल्कि इससे कई विकासात्मक परियोजनाएँ भी आरंभ होंगी।' शर्मा ने कहा था कि, 'हमने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि कम से कम एक मीटिंग वो अंडमान में रखें। अब यह देखकर खुश हूँ कि ऐसा हुआ।'
बता दें कि बाली में हुए G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया ने आने वाले वर्ष के लिए G-20 का नेतृत्व करने का जिम्मा भारत को दिया था। इस जिम्मेदारी के मिलने के बाद भारत आने वाले एक वर्ष में भारत 200 बैठकों का नेतृत्व करेगा। पीएम मोदी ने इससे पहले मीटिंग को लेकर कहा था कि, 'पूरी दुनिया G-20 की ओर आशा भरी नज़रों से देख रही है। मैं यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि भारत की G-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकाँक्षी, निर्णायक और क्रिया-उन्मुख होगी।'
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