मुंबई: 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 दहशतगर्दों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में समुंद्र के रास्ते घुसकर फायरिंग और बम धमाके करते हुए खून की नदियाँ बहा दी थी। इन इस्लामी आतंकियों ने चार दिनों तक पूरी मायानगरी को बंधक बनाकर रखा हुआ। इस हमले में 174 लोगों की जान गई थी। उस वक़्त राहुल गाँधी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव थे। मनमोहन सिंह देश के पीएम थे और सोनिया गाँधी पार्टी की सर्वेसर्वा और अध्यक्ष थीं। किन्तु इस भीषण हमले के दौरान इन सभी की संवेदना मर गई थीं।
ऐसा इसलिए क्योंकि, मुंबई हमले के फ़ौरन बाद राहुल गाँधी दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक फार्महाउस में पूरी रात पार्टी मना रहे थे। उस वक़्त शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की माँ की आँखों के आँसू भी नहीं सूखे थे। 174 मृत लोगों के परिवार वाले बिलख रहे था और 300 घायलों के परिचित अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि उस वक़्त दिल्ली के बाहरी इलाके में राहुल गाँधी अपने बचपन के मित्र समीर शर्मा की संगीत सेरेमनी में पहुँचे थे। वह राधे मोहन चौक पर स्थित फार्म हाउस में थे। एक मीडिया रिपोर्ट में इस संगीत रस्म को लेकर छपा था, 'शनिवार की रात का संगीत ‘दिलकश’ था। इसे दुल्हन की बहन लीना मुसाफिर और उसके पति इंद्र ने होस्ट किया था। पार्टी में 800 से अधिक मेहमान शामिल हुए।'
उस वक़्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता से सवाल पूछते हुए कहा था कि, 'राहुल गाँधी ने 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हुए जवानों का तिरस्कार किया है। उन्होंने देश के लिए अपनी जान का बलिदान देने वाले हेमंत करकरे, अशोक कामटे, तुकाराम अम्बोले और विजय सालस्कर जैसे मराठा पुलिसकर्मियों की बहादुरी का अपमान किया है। उन्होंने NSG के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का तिरस्कार किया है। जब मुंबई में हमला हुआ, तब राहुल कहाँ थे?'
26/11 मुंबई हमला: कांग्रेस और पाकिस्तान की मिलीभगत ?
यूपी चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका, विधान मंडल दल के नेता शाह आलम ने दिया इस्तीफा
जब जेवर एयरपोर्ट बन जाएगा तो भाजपा उसे भी बेच देगी - अखिलेश यादव