रांची: भारत में बढ़ती महंगाई से आम लोग त्रस्त हो गए है। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस बात को कबूल कर चुकी हैं। किन्तु भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने महंगाई मसले को ही खारिज कर दिया है। उनके अनुसार, महंगाई कही पर है ही नहीं तथा इसी कारण विपक्ष को भी ये कही देखने को नहीं मिल रही। अब जयंत सिन्हा के इस एक बयान ने उन व्यक्तियों को और अधिक आक्रोशित कर दिया है जो पहले ही बढ़ती महंगाई से चिंतित हो गए हैं। जयंत सिन्हा के संसदीय क्षेत्र हजारीबाग में ही लोग महंगाई से त्राहिमाम कर रहे हैं।
मीडिया ने हजारीबाग के लोगों से चर्चा की है। उनसे महंगाई पर प्रश्न पूछे हैं, सरकार के काम पर रिपोर्ट मांगी है। अब जो सामने आया है, उससे स्पष्ट है कि लोग महंगाई के साथ-साथ सरकार की उदासीनता से भी नाराज चल रहे हैं। स्थानीय निवासी के अनुसार, कोई भी सरकार आती है तो महंगाई बढ़ती ही जाती है। ना बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं तथा ना कुछ कर पा रहे हैं, आदमी खा पी रहा है बस मर नही रहा, यही गनीमत है। वहीं देव कुमार सिन्हा ने तो और तल्ख अंदाज में बोला है कि खाद्यानों के GST को कम करना चाहिए, जो निर्धन है उनको महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। सांसद को आ कर देखना चाहिए कि महंगाई है या नहीं।
वही चर्चा के चलते कुछ लोग तो ऐसे भी सामने आए जिन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सांसद जयंत सिन्हा जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र ही नहीं आए हैं। इसी कारण वे महंगाई को कोई मुद्दा नहीं मान रहे हैं। अब लोगों के अतिरिक्त विपक्ष भी जयंत सिन्हा के इन दावों को सिरे से खारिज कर रहा है। लेकिन स्वयं सिन्हा अपने दावों पर बने हुए हैं। उनके अनुसार, मोदी सरकार ने महंगाई रोकने के लिए जो फैसले लिए हैं, वो बेमिसाल रहे। निर्धनों को राशन दिया गया, बिजली मिली, गैस सिलेंडर मिला। ऐसे में कोई भी परेशान नहीं बल्कि खुशहाल है।
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