कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने हर उस जगह को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित करने की माँग की है जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ते हैं। उन्होंने यह बयान हजारों मुस्लिमों की भीड़ के बीच दिया। इस वीडियो को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म *X* (पहले ट्विटर) पर साझा किया।
These remarks were made by TMC MP Kalyan Banerjee, who is also a member of the Standing Committee on WAQF. According to him, any location where Muslims offer Namaz would automatically be considered a WAQF property. This suggests that public spaces, such as roads, railway tracks,… pic.twitter.com/hrzFgvfsYp
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 1, 2024
वीडियो में कल्याण बनर्जी कहते हैं, "जहाँ पर भी आप नमाज पढ़ते हैं, उसको वक्फ प्रॉपर्टी की तरह लिया जाना चाहिए। अगर एक जगह पर 20-25 लोग लगातार नमाज पढ़ते हैं, तो उसे भी वक्फ संपत्ति माना जाए।" उनके इस बयान के बाद तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कल्याण बनर्जी का यह बयान कई सवाल खड़े करता है। अगर इसे आधार माना जाए, तो सड़कों, फुटपाथों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, हवाई अड्डों, और सार्वजनिक पार्कों जैसी उन तमाम जगहों को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता है, जहाँ अक्सर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं। यह विचार न केवल अव्यवहारिक है बल्कि सार्वजनिक संपत्ति पर एकतरफा कब्जे को भी बढ़ावा दे सकता है।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कल्याण बनर्जी की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बयानों का उद्देश्य महज चुनावी फायदे के लिए मुस्लिम वोट बैंक को साधना है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी राजनीति जारी रही तो बंगाल के हिंदू समुदाय को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी और TMC, पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का सफाया सुनिश्चित कर रही हैं, जैसा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हुआ था। कल्याण बनर्जी वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य भी हैं। उन पर इस समिति की बैठकों में हंगामा करने के आरोप लग चुके हैं। इससे पहले उन्होंने वक्फ बिल का विरोध करते हुए खुद को चोट भी पहुंचाई थी।
यह सवाल उठता है कि क्या कल्याण बनर्जी वक्फ प्रॉपर्टी का दायरा इतना बड़ा करने के पीछे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं? क्या वे इस तरह के बयानों से देश को एक बार फिर धार्मिक आधार पर गुलामी की ओर धकेलना चाहते हैं? कई बार सिखों ने अपने गुरूद्वारे में और हिन्दुओं ने अपने मंदिरों में मुस्लिमों को नमाज़ पढ़ने के लिए जगह दी है, कल को उस पर वक्फ दावा ठोकेगा, तो क्या ये राजनेता उसे भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर देंगे ? मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों, पार्कों, और अन्य सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते हैं। तो क्या हर ऐसी जगह को वक्फ घोषित कर दिया जाएगा? विपक्षी नेताओं की यह वोट बैंक को खुश करने की राजनीति न केवल समाज में विभाजन पैदा करती है, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था को भी कमजोर करती है।