हिन्दू धर्म में कई ऐसे देवी-देवता हुए है, जिनके आगे आज पूरी दुनिया नतमस्तक है. इसी श्रेणी में नाम आता है श्री कृष्ण का भी. श्री कृष्ण न केवल भारत बल्कि आज पूरी दुनिया में पहचाने जाते हैं. श्री कृष्ण जन-जन के देवता है. हर कोई इस बात से परिचित है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र को मध्यरात्रि में हुआ था. श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा है. श्री कृष्ण का बचपन गोकुल की गलियों में बीता. वहीं वे गुजरात के द्वारिका में अपने जीवन के अंतिम दिनों में अधिक समय व्यतीत करने लगे थे.
प्रतिवर्ष भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विधिवत रूप से घरों और मंदिरों में प्रभु का पूजन किया जाता है. हम यह भी जानते हैं कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतारी है. हालांकि यह बहुत ही कम लोगों को पता है कि श्री कृष्ण श्री विष्णु के कौन-से अवतार है ? तो आइए आपको इस प्रश्न का उत्तर देते हैं.
आपको बता दें कि भगवान श्री कृष्ण 92 वर्ष तक जीवित रहे थे. श्री विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में द्वापरयुग में जन्म लिया था. श्री विष्णु के क्रमश: 10 अवतार इस तरह से हैं...
मत्स्य अवतार
कूर्म अवतार
वराह अवतार
नरसिंह अवतार
वामन अवतार
श्री परशुराम अवतार
श्री राम अवतार
श्री कृष्ण अवतार
बुद्ध अवतार
कल्कि अवतार
श्री विष्णु ने जहां श्री राम रूप में त्रेतायुग तो वहीं श्री कृष्ण रूप में विष्णु जी ने द्वापरयुग में जन्म लिया था. भगवान श्री कृष्ण श्री विष्णु के 8वें अवतार है. वहीं विष्णु जी के कल्कि अवतार को लेकर कहा जाता है कि कलयुग के अंत और सतयुग के आरंभ के दौरान श्री विष्णु इस अवतार में जन्म लेंगे. श्री विष्णु का यह अवतार 64 कलाओं से युक्त रहेगा.
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