कोच्ची: केरल में 47 वर्षीय RTI एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की बीते हफ्ते संदिग्ध मौत हो गई थी। अब पता चला है कि, वे भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में आवाज़ उठा रहे थे। उनकी मौत से भ्रष्टाचार के उस मामले पर बड़ा गहरा असर पड़ा है, जिसके लिए वे लड़ रहे थे। दरअसल, उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी वीणा के कथित भ्रष्टाचार की विजिलेंस जाँच को लेकर याचिका दाखिल कर रखी थी। इस पर अदालत में सुनवाई होने वाली थी, लेकिन उससे ठीक पहले उनकी मौत की खबर आ गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गिरीश बाबू कोच्चि के कलमस्सेरी में अपने परिवार संग रहते थे। 18 सितंबर 2023 की सुबह बेडरूम में पत्नी ने उन्हें मृत पाया। केरल पुलिस का कहना है कि, शुरुआती जाँच से ऐसा लगता है कि उनकी मौत का दिल का दौरा पड़ने से हुई है। हालाँकि, उस समय पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का असली कारण बताने की बात कही थी। यह भी कहा गया था कि गिरीश बाबू को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी थी। पिछले महीने के एक फेसबुक पोस्ट से पता चलता है कि वे इसका इलाज भी करवा रहे थे।
कौन-सा केस लड़ रहे थे गिरीश बाबू ?
RTI के जरिए लगातार केरल में हो रहे कथित भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले गिरीश बाबू अक्सर सुर्खियों में रहते थे। उन्होंने सीएम पिनराई विजयन समेत कई ‘बड़े’ लोगों के खिलाफ सनसनीखेज खुलासे किए थे। गिरीश बाबू ने ही पलारीवट्टोम फ्लाईओवर घोटाले का खुलासा किया था। बीते दिनों सीएम विजयन की बेटी वीणा विजयन पर बिना काम के एक प्राइवेट कंपनी से तीन वर्षों तक पैसे लेने का आरोप लगा था। ख़बरों की मानें तो, आयकर जाँच से यह बात सामने आई थी कि वीणा और उनकी कंपनी को प्रतिमाह कुल 8 लाख रुपए बिना काम के मिलते थे। इस प्रकार लगातार 3 साल तक वीणा और उनकी कंपनी एक्जॉलॉजिक सॉल्यूशंस ने 1.72 करोड़ रुपए कथित तौर पर कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड नाम की कंपनी से लिए थे।
*Kerala RTI Activist found dead*
— Facts (@BefittingFacts) September 20, 2023
•RTI Activist Girish Babu found dead in his house.
•Girish had exposed scam of ₹1.72 crore in which Kerala CM's daughter was involved.
•According to RTI, Vijayan'a daughter had received ₹1.72 crore from an IT company without doing any…
गिरीश बाबू पहले सीएम की बेटी वीणा विजयन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को मुवत्तुपुझा की कोर्ट में लेकर गए थे। मगर, उस कोर्ट में यह मामला खारिज कर दिया गया। इसके बाद गिरीश बाबू ने ऊपरी अदालत में गुहार लगाई थी। इस मामले में गिरीश ने आयकर अंतरिम बोर्ड ऑफ सेटलमेंट, नई दिल्ली की रिपोर्ट के आधार पर जाँच कराए जाने की माँग की थी। उन्होंने याचिका में सीएम पिनराई विजयन के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन UDF के नेताओं रमेश चेन्निथला, पीके कुन्हालीकुट्टी और वीके इब्राहिमकुंजु का नाम भी जोड़ा था। उनका आरोप था कि इन लोगों को भी रिश्वत के पैसे मिले थे। इस याचिका पर 18 सितंबर को ही सुनवाई होने वाली थी। मगर, 18 सितंबर 2023 की सुबह उनकी मौत की खबर सामने आई। अब उस भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री की बेटी वीणा दोषी हैं या नहीं, क्या सीएम खुद भी इसमें शामिल हैं ? ये सारे सवाल एक तरह से ठंडे बस्ते में चले गए हैं, ये भी देखना होगा कि क्या गिरीश बाबू की जगह कोई दूसरा व्यक्ति इस मामले को आगे बढ़ाता है या फिर इस केस को बंद कर दिया जाता है।
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