बैंगलोर: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक टीम बनाने का फैसला किया है, जो जांच करेगी कि सोशल मीडिया पर चल रही खबरें सच हैं या नहीं। इसमें मीडिया संगठनों की ख़बरें भी शामिल हैं। लेकिन संपादकों का समूह एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) इसे लेकर चिंतित है। वे चिंतित हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस टीम में बहुत अधिक शक्ति हो सकती है। इंटरनेट के बारे में नियमों में कुछ बदलावों को चुनौती देने के लिए ईजीआई पहले ही अदालत में जा चुका है। लेकिम, वे चेतावनी दे रहे हैं कि यह तथ्य-जाँच टीम स्वयं निर्णय ले सकती है कि क्या फर्जी खबर है और क्या नहीं, और क्या वे इंटरनेट से समाचार भी हटा सकते हैं।
EGI notes with concern, some aspects of Karnataka govt’s decision to set up a ‘fact-checking unit’ to monitor ‘fake news’. We urge all govts to ensure such units are independent of executive control and their scope and powers are specified so as to not trample upon press freedom pic.twitter.com/7G9pdOweFQ
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) August 27, 2023
बता दें कि, ईजीआई इस बात से तो सहमत है कि ऑनलाइन गलत जानकारी और फर्जी खबरें, एक बड़ी समस्या है। लेकिन उनका मानना है कि सरकार से बाहर के समूहों को ऐसी ख़बरें ढूंढने और हटाने के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए। वे चाहते हैं कि ये समूह स्वतंत्र हों और सरकार द्वारा नियंत्रित न हों, ताकि वे लोगों को अपनी अलग राय व्यक्त करने से न रोकें और इसमें सरकार का एजेंडा शामिल न हो। ईजीआई का कहना है कि खबरों की जांच करने वाली कोई भी प्रणाली निष्पक्ष होनी चाहिए और उसे सही नियमों का पालन करना चाहिए। वे चाहते हैं कि पत्रकार और मीडिया समूह इस व्यवस्था का हिस्सा बनें, ताकि प्रेस की स्वतंत्रता प्रभावित न हो। ईजीआई कर्नाटक सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कह रही है कि यह तथ्य-जांच टीम वास्तव में क्या करेगी और उनके पास कितनी शक्ति होगी। वे यह भी जानना चाहते हैं कि इस टीम का प्रभारी कौन होगा। ईजीआई का कहना है कि सरकार को यह व्यवस्था बनाने से पहले मीडिया संगठनों से बात करनी चाहिए और उनकी राय लेनी चाहिए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी टीम ने कहा कि यह तथ्य जांच इकाई महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि फर्जी खबरें लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं और समाज में विभाजन पैदा कर रही हैं। राज्य के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि वे उन खबरों और रिपोर्टों को हटा देंगे जो फर्जी हैं। और जरूरत पड़ने पर सरकार फेक न्यूज फैलाने वालों पर कार्रवाई भी कर सकती है।
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