सनातन धर्म में रुद्राक्ष महत्वपूर्ण होता है और इसी के साथ इसका विशेष महत्व है। जी दरअसल रुद्राक्ष प्रकृति की ओर से दिया गया एकमात्र ऐसा वरदान है जिससे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष सभी की प्राप्ति में लाभकारी माना जाता है। जी हाँ और शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से गिरने वाले जल बूंदों से निर्मित हुआ है। कहते हैं रुद्राक्ष धारण करने वाले पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। अब आज हम आपको बताते हैं कौन सा रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ मिलता है।
एकमुखी रुद्राक्ष - यह सबसे दुर्लभ माना गया है। जी हाँ और इसके विषय में कहा जाता है कि यह सभी सिद्धियों को देने वाला है। केवल यही नहीं बल्कि जहां इसका वास होता है, वहां अष्टसिद्धियों और नवसिद्धियां निवास करती हैं। एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेता है।
दोमुखी रुद्राक्ष - इस रुद्राक्ष के बारे में बताया जाता है कि यह अर्धनारीश्वर का स्वरूप है। जी हाँ और इसको धारण करने वाले व्यक्ति पर माता पार्वती और शिव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जी दरअसल वैवाहिक जीवन में आनंद और सुख के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
तीनमुखी रुद्राक्ष- तीनमुखी रुद्राक्ष साक्षात् अग्निस्वरूप है, इसको धारण करने पर अग्निदेव सदा प्रसन्न रहते हैं। जी हाँ और इसे धारण करने से तेजी और उर्जा में वृद्धि होती है। इसी के साथ यह जाने-अनजाने में पूर्व में किए हुए तमाम पापों का नाश करने वाला है।
चारमुखी रुद्राक्ष- चारमुखी रुद्राक्ष साक्षात् चतुरानन ब्रह्मस्वरूप है। जी हाँ और इसको धारण करने पर ब्रह्माजी का आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता है। केवल यही नहीं बल्कि इसे धारण करने वाला धन वैभव से संपन्न होता है। इसी के साथ ही यह रुद्राक्ष बुध का प्रतीक माना जाता है। जी दरअसल इसको धारण करने से लेखन शक्ति और वाक्शक्ति भी बढ़ती है।
पांचमुखी रुद्राक्ष - यह रुद्राक्ष साक्षात् शिव स्वरूप है। जी हाँ और यह रुद्राक्ष नरहत्या के दोषों को दूर करने में सक्षम है। केवल यही नहीं बल्कि इस रुद्राक्ष को धारण करने से बृहस्पति के अशुभ फल समाप्त हो जाते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह ज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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