नई दिल्ली: आज हम आपके करियर से संबंधित कुछ ऐसे विषय पर बात करेंगे, जिस पर शायद आप अभी गौर नहीं करते, लेकिन हां बाद में इसी बात पर अफ़सोस करेंगे कि शायद हमने उस टाइम ही इतना सोचा होता तो आज ये दिन देखने को नहीं मिलता, अक्सर हम देखते है कि जैसे ही 10 वी कक्षा का रिजल्ट आ जाता है तो जिस विषय में हमारे सबसे ज़्यादा नंबर होते है, हमारे घर के बड़े हमे उसी विषय को लेने के लिए प्रेरित करते है, उस समय हम खुद इतने स्वत्रंत नहीं होते है कि हम यह निर्णय स्वयं ले सके, कि हमे किस विषय का चयन करना चाहिए.
दसवीं कक्षा के बाद में जैसे ही विद्यार्थी 11 वी कक्षा में प्रवेश करता है उस समय वह एक माटी की तरह होता है उसे जिस आकर में ढालो वह वही रूप ले लेता है, लेकिन एक समय ऐसा भी आ जाता है जब विद्यार्थी खुद के लिए सोचने लग जाता है, पर तब तक बहुत देर ही जाती है. अक्सर हम देखते है विद्यार्थी 10 वी कक्षा पास करते ही घर वालो के कहे मुताबिक विषय का चयन कर लेता है, और उसी में पढ़ाई करने लग जाता है, उस समय विद्यार्थी सिर्फ अच्छे अंक के लिए पड़ता है, उसे यह नहीं मालूम होता कि उसे आगे क्या करना है,
वही जैसे ही स्कूल ख़त्म हो जाता है, तो वह कॉलेज की मस्ती में इतना मगन हो जाता है, कि वो तब भी अपने भविष्य के बारे में नहीं सोच पता और कॉलेज ख़त्म होते ही विद्यार्थी इस असमंजस में घूम जाता है कि अब उसे आगे क्या करना है, उस वक़्त विद्यार्थी यह सोचने लग जाता है कि अगर 11 वी में यह विषय लेता तो मै बहुत अच्छा कर सकता था, जब यह सब सारी चीजे हमे आगे जाकर सोचनी ही तो वो सब हम अभी क्यों नहीं सोच सकते, अपने विषय का चयन विद्यार्थी स्वमं करे क्योकि आपका एक निर्णय आपका भविष्य आबाद और बर्बाद दोनों कर सकता है.
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