ब्रेस्टफीडिंग मां और नवजात शिशु में स्वाभाविक रूप से आती है. ब्रेस्टफीडिंग जितनी आसान लगती है उतनी होती नहीं है. यह बच्चे के साथ माँ को भी प्रभावित करती है और कई बार तो नुकसानदायक भी होती है. पहली बार बच्चे के ब्रेस्टफीडिंग करा रही है तब स्तनों में दर्द होना स्वाभाविक है.
महिलाओं को शुरुआत के कुछ सप्ताह तक दर्द महसूस हो सकता है. ऐसा स्तन में दूध भरे रहने के कारण होता है. साबुन, क्रीम और एल्कोहल वाले लोशन के इस्तेमाल से निप्पल के सूखने और फटने जैसी समस्या हो सकती है. इसके लिए आप शुद्ध लानौलिन से निप्पल पर हल्के हाथो से मसाज करे. हमेशा सूती ब्रा पेड का उपयोग करे. यदि निप्पल अंदर की तरफ धसा हुआ है तो उसे जबरदस्ती खींचे नहीं.
स्तनों में दूध भरे होने के कारण कई बार सूजन होती है. इसलिए बर्फ की सिकाई या गर्म पानी से नहाएं, इससे राहत मिलेगी. यदि स्तन में एक ही जगह दर्द हो रहा है तो मिल्क डक्ट ब्लॉक की समस्या भी हो सकती है. इसलिए स्तनों की सिकाई या मालिश करे. इंफेक्शन होने के कारण निप्पल फट जाते है, आपको दर्द के साथ बुखार और थकान हो तो तुरंत डॉक्टर्स से सम्पर्क करे.
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