कहते हैं इंसान की पहचान उसके पहनावे से होती है. खासतौर से पहनावे से व्यक्ति के पेशे का तो पता लगाया ही जा सकता हैं. कई पेशे ऐसे हैं जिनकी अलग ही वेशभूषा है और उसी से उन्हें जाना भी जाता है. ऐसे ही डॉक्टर एक ऐसा पेशा हैं जिसे धरती पर भगवान के रूप में माना जाता हैं क्योंकि वे जान बचाने का काम करते हैं. वहीं डॉक्टर की पहचान मुख्य रूप से उनके सफ़ेद कोट से की जाती हैं जिसे हर डॉक्टर पहनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर डॉक्टर सफ़ेद कोट ही क्यों पहनते हैं. इसके पीछे भी कई राज़ हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
दरअसल चिकित्सा में साफ़ सफाई का काफी महत्व होता है और डॉक्टर्स के सफेद कोट भी सफाई की निशानी होती है. सफेद कोट पर छोटी सी गंदगी भी साफ़ नजर आ जाती है और ऐसे में ये इस बात का संकेत होता है की अब इसे बदल लेना जरुरी है.
इसके अलावा एक दूसरा कारण ये है की सफेद रंग स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है साथ ही ये ईमानदारी, पवित्रता और भगवान के साथ सम्बन्ध की निशानी भी होता है. चूँकि चिकित्सा के पेशे में ईमानदारी और स्वच्छता का काफी महत्व होता है और इनका सफेद कोट इस बात को दर्शाता है की उन्हें अपने पेशे में हमेशा में ईमानदारी और स्वच्छता का ख्याल रखना है.
इसके अलावा सफेद रंग भगवान के साथ सम्बन्ध का भी प्रतीक माना जाता है और इसी कारण डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि वो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं और हमें लम्बी जिंदगी में जीने में काफी सहायक होते हैं.
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