देश कोरोना से हर दिन जंग लड़ रहा है. जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. अमेरिका में कोरोना वायरस बेकाबू है. जबकि अमेरिका एक विकसित देश है. दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में मृत्यु दर कम है. इधर, भारत के वैज्ञानिक लगातार कोरोना वायरस की सस्ती किटों और वैक्सीन पर तेजी से काम कर रहे हैं. कोरोना टेस्टिंग किटों को लेकर भारत अब आत्मनिर्भर हो गया है. अब भारत में ही सस्ती कोरोना जांच किट बन रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ((WHO) ने भी भारत का लोहा मानते हुए, इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है. बता दें कि भारत अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' भी अगामी 15 अगस्त को बाजार में उतारने वाला है.
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भारत की काबिलियत की तारीफ करते हुए डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन बताया कि, 'कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भारत सरकार ने शुरुआत से ही बेहद गंभीर कदम उठाए हैं. साथ ही डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के आधार पर जनवरी में ही कुछ उपाय किए. आज भारत एक दिन में 2 लाख से अधिक टेस्टिंग कर रहा है. अब भारत टेस्टिंग किट खुद बना भी रहा है. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि पिछले कुछ महीनों में भारत टेस्टिंग किटों में आत्मनिर्भर बन गया है और बड़े पैमाने पर सक्षम हो रहा है.
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इसके अलावा डॉ.स्वामीनाथन ने भारत को सुझाव देते हुए कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगी कि भारत का फोकस अब डेटा पर होना चाहिए. दरअसल, इससे मेरा मतलब है कि हमें डेटा को देखने के लिए एक सुनियोजित दृष्टिकोण की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि जिस समय लोग कुल मामलों और कुल मौतों की संख्या पर ध्यान देना शुरू करते हैं, यह कहानी का सिर्फ एक पक्ष होता है. आप डेटा की रिपोर्ट कैसे करते हैं, इस पर कुछ तरह के राष्ट्रीय दिशानिर्देशों की आवश्यकता है. इसके बिना आप तुलना नहीं कर सकते.
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