नई दिल्ली: अडानी ग्रुप पर अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि ये आरोप केवल शुरुआत हैं और पूरे मामले की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच से ही सामने आ सकती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडानी समूह से जुड़े कथित घोटालों की पूरी जांच के लिए JPC की आवश्यकता है।
जयराम रमेश ने कहा कि अडानी समूह के खिलाफ जो अनियमितताएँ और गलत कार्य हैं, वे भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने 'हम अडानी के हैं कौन' नामक शृंखला में इन मुद्दों को उजागर किया था। उनका आरोप है कि अडानी को विभिन्न क्षेत्रों जैसे हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमेंट में एकाधिकार दिलाने के लिए भारत की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है, और भारत की विदेश नीति के साथ समझौता किया गया है।
जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि भारत और इजराइल के बीच रणनीतिक संबंधों को अडानी के हित में बदल दिया गया है, और कोयला और बिजली उपकरणों के बिलों में बढ़ोतरी करके मनी लॉन्ड्रिंग और मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया गया है, जिससे आम लोगों के बिजली के बिल भी बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप केवल कैपिटल मार्केट, स्टॉक हेराफेरी, अकाउंटिंग धोखाधड़ी और नियामक एजेंसियों में हितों के टकराव तक सीमित हैं, और ये आरोप मामूली हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अडानी महाघोटाले की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए जेपीसी की जांच आवश्यक है।
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