नई दिल्ली: BJP के नेता एवं वक्फ संशोधन बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के अध्यक्ष, जगदंबिका पाल ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ संशोधन बिल को आज जेपीसी को सौंपा गया है। स्पीकर के निर्देशानुसार, जेपीसी को अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिनों तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसी संदर्भ में जेपीसी की बैठक बृहस्पतिवार को शुरू हुई है। बैठक के चलते समिति के सदस्य बिल पर चर्चा करेंगे तथा किसी भी चिंता पर विचार करेंगे।
पाल ने कहा कि, "हमें सिर्फ अपने सदस्यों से ही चर्चा नहीं करनी चाहिए, बल्कि राज्य वक्फ बोर्डों के अध्यक्षों, अल्पसंख्यक समुदायों के संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों को भी शामिल करना चाहिए। हम अधिक से अधिक लोगों को अपनी राय रखने का मौका देंगे।" वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने वक्फ बोर्ड की जेपीसी बैठक पर तीखा विरोध जताया। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'तू कौन मैं खामखां...' संजय सिंह ने कहा, "संविधान की धारा 26 धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी देती है। यह बाबा साहेब का संविधान है, जिसमें लिखा है कि धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। सरकार का मकसद जमीनों को कब्जा करके अडानी को देना है। एक दिन आएगा जब मंदिर की जमीन भी कब्जा होगी और सरकार उसे अपने दोस्तों को देगी।"
जेपीसी की पहली बैठक, विपक्ष का विरोध
आज प्रातः 11 बजे से वक्फ संशोधन बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की पहली बैठक आरम्भ हुई है। विपक्षी सांसदों ने बैठक से पहले कानूनी जानकारों से परामर्श किया है तथा बैठक में संविधान के मूल अधिकारों के उल्लंघन का मामला उठाने की योजना बनाई है। प्रस्तावित बिल के कई प्रावधानों पर विपक्षी दलों द्वारा विरोध जताया जाएगा। बैठक के एजेंडे के मुताबिक, कानून मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय के अधिकारी सदस्यों को इस बिल पर ब्रीफिंग देंगे।
जेपीसी पर कांग्रेस नेताओं के तीखे बयान
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, सचिन पायलट, तथा कन्हैया कुमार ने हाल ही में जेपीसी की मांग को लेकर तीखे बयान दिए हैं। संदीप दीक्षित ने कहा कि जेपीसी की मांग कोई नई बात नहीं है। उन्होंने बोफोर्स और हर्षद मेहता मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष की मांग पर जेपीसी बनाई थी। दीक्षित ने वित्तीय अनियमितताओं पर संदेह जताया तथा कहा कि यदि सेबी पाक साफ नहीं है, तो इसकी भी जांच होनी चाहिए।
सचिन पायलट ने वक्फ बोर्ड बिल को वापस लिए जाने का जिक्र करते हुए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश की संपत्ति को सस्ते दाम पर बेचने के खिलाफ आवाज उठाई थी, और अब सेबी के प्रमुख पर भी आरोप लगे हैं। पायलट ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी को जांच के निर्देश दिए थे, किन्तु जांच करने वालों पर ही आरोप लगे हैं। पायलट ने मांग की कि जेपीसी का गठन होना चाहिए और सरकार को पारदर्शी जांच से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी की चिंताओं को सही साबित किया गया है। उन्होंने अदाणी के मामले को भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया तथा कहा कि यदि चोरी नहीं हुई है, तो बीजेपी को जेपीसी से डरने की आवश्यकता नहीं है। कुमार ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ईडी, सीबीआई, तथा आयकर विभाग का उपयोग विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है।
समान नागरिक संहिता की दिशा में बढ़ चला असम, हिमंता कैबिनेट ने इस बिल को दी मंजूरी
'लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन ने नरेंद्र मोदी को हरा दिया..', श्रीनगर में बोले राहुल गांधी