पेशे से सर्जन था अल जवाहिरी.., मजहबी अंधभक्ति में बन गया आतंकी, 3000 लोगों को मार डाला

पेशे से सर्जन था अल जवाहिरी.., मजहबी अंधभक्ति में बन गया आतंकी, 3000 लोगों को मार डाला
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नई दिल्ली: इस्लामी आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिका ने ढेर कर दिया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में उसे मार गिराया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जवाहिरी की मौत की पुष्टि की है। बता दें कि अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में जवाहिरी का हाथ था। इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) के ट्विन टावर्स से टकरा गए थे। जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन में घुसा था। चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था। इस आतंकी घटना में लगभग 3,000 लोग मारे गए थे।

बता दें कि अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को इजिप्ट के एक संपन्न परिवार में हुआ था। वो पेशे से सर्जन था। 14 वर्षीय आयु में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था। 1978 में जवाहिरी ने काहिरा यूनिवर्सिटी के दर्शन शास्त्र (philosophy) की छात्रा अजा नोवारी से निकाह किया। उसके निकाह में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था। फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था। यहां तक कि हंसी-मजाक पर भी पाबंदी थी। इसके बाद जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया। ये एक ऐसा कट्टरपंथी संगठन था, जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन की खिलाफत की थी। दरअसल, जवाहिरी चाहता था कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो। 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात के क़त्ल के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें अरेस्ट किया गया था। 3 साल तक जेल में रहने के बाद वो मिस्त्र से सऊदी अरब आ गया। 

सऊदी आने के बाद वो मेडिकल प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात उस समय अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन से हुई थी। इसके बाद एक बार जब लादेन 1985 में अलकायदा का जहर फैलाने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी पाकिस्तान में था। यहीं से दोनों आतंकियों में रिश्ता मजबूत होने लगा। इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ को अलकायदा में विलय कर दिया और दोनों आतंकी मिलकर दुनिया को दहलाने के षड्यंत्र रचने लगे। जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल कायदा की कमान संभाली थी। 2011 में वो इस्लामी आतंकी संगठन अलकायदा का सरगना बना था। 

कैसे मारा गया आतंकी अल जवाहिरी?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जवाहिरी ने काबुल में पनाह ले रखी थी। वो अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा गया। इस हमले के लिए अमेरिका ने दो Hellfire मिसाइल का उपयोग किया। ड्रोन अटैक को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया। बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक बैठक की। यही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के वक़्त कोई भी अमेरिकी काबुल में नहीं था। वहीं, अमेरिका ने यह स्पष्ट कहा है कि इस हमले में आतंकी के परिवार को निशाना नहीं बनाया गया है। साथ ही अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान को भी नहीं दी थी।

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