प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी की रहस्यमयी हालत में मौत होने के बाद से ही उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा चल रही थी। लेकिन अब उनके उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान कर दिया गया है, पंच परमेश्वरों ने महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य बलबीर गिरी को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। बता दें कि, पुलिस जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य बलबीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी और मठ बाघम्बरी गद्दी हनुमान मंदिर का महंत बनाए जाने की बात लिखी है।
बता दें कि बलवीर गिरी महंत नरेंद्र गिरी के सबसे प्रिय और 15 वर्ष पुराने शिष्य हैं। वह मूल रुप से उत्तराखंड के निवासी हैं, उन्होंने वर्ष 2005 में अपना घर-परिवार छोड़ दिया था और संत बन गए थे। नरेंद्र गिरी ने उन्हें दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी नियुक्त किया था। बताया जाता है कि बलवीर गिरी और आनंद गिरी एक साथ ही मंहत नरेंद्र गिरी के शिष्य बने थे। दोनों की आपस में अच्छी भी बनती थी, किन्तु कुछ समय बाद आनंद गिरी के रवैया बलबीर गिरी को पसंद नहीं आया और बलबीर ने उनसे दूरी बना ली थी। इसी बीच आनंद, महंत नरेंद्र गिरी के सबसे प्रिय शिष्य बन गए। जब महंत ने आंनद गिरी को निष्कासन किया था, तो बलवीर नंबर दो की हैसियत पर आ गए थे।
निरंजनी अखाड़े के महंत सचिव स्वामी रामरतन गिरि ने बताया है कि बलवीर गिरी एक शुद्ध विचारों वाले महान संत हैं। वह नरेंद्र गिरी के सामने अखाड़े में अहम पद पर रह चुके हैं। उन्हें मठ से संबंधित कोई भी फैसला लेने की छूट थी। वह जो भी काम करते हैं, वो संत हित में करते हैं। बता दें कि पांच अक्टूबर को नरेंद्र गिरि का षोडशी संस्कार किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इसी दिन बाघंबरी मठ की गद्दी पर बलबीर गिरि को बैठाया जाएगा।
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