इंदौर: इंदौर शहर ने एक बार फिर से डंका बजाते हुए स्वच्छता का पंच लगा डाला है। ऐसे में आज दिल्ली में सफाई मित्र इंदिराबाई आदिवाल का भी सम्मान किया गया। आप सभी को बता दें कि वह नार्थ कमाठीपुरा की निवासी हैं और उनकी उम्र 50 साल है। इंदौर में सफाईकर्मी इंद्रा आदिवाल द्वारा किए जा रहे काम के निगम अफसर सहित क्षेत्र के लोग भी कायल हैं। आप सभी को जानकर हैरानी होगी कि इंद्रा प्रतिदिन तड़के 3 बजे उठ जाती हैं ओर 4 बजे नारायणबाग की पांच गलियों की सफाई करती है और सड़कों को सुंदर दिखाने के लिए उन पर रंगोली भी बनाती हैं।
जी हाँ और यह काम वह बीते चार सालों से कर रही हैं। बीते शुक्रवार को भी इंद्रा ने अपना कार्य ठीक तरीके से किया और निगम अधिकारियों के निर्देशानुसार पुरस्कार लेने दिल्ली पहुंची। आज उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आपको बता दें कि दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में स्वच्छ सर्वेक्षण व अन्य दो पुरस्कार लेने वाले निगम अफसरों के साथ इंद्रा शहर की ऐसी पहली सफाईकर्मी हैं जो इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। सफाईकर्मी इंद्रा का कहना है रंगोली बनाना उनका शौक है वह अपने खर्च पर ही रंगोली बनाने के लिए रंग लाती हैं। उन्होंने बताया पहले वह गलियों में झाडू लगाती हैं और उसके बाद वहां रंगोली बनाती हैं।
दिवाली के दिन भी उन्होंने रंगोली बनाई थी और रंगोली बनाते-बनाते ही उन्हें शाम के 7 बज गए। वहीं दूसरी तरफ स्वच्छ सर्वेक्षण का पुरस्कार इंदौर को मिलने पर उनका कहना है कि निगम के अफसर, सफाईकर्मी व आमलोगों की मदद से नए इंदौर नए कीर्तिमान बना रहा है। आप सभी को बता दें कि इंद्रा के पति का निधन साल 2003 में हो गया था, और वह जब जीवित थे तो कहते थे कि इतना घिस-घिसकर का काम करती है तुझे कौन सा पुरस्कार मिलेगा। हालाँकि आज जब इंद्रा को पुरस्कार मिला तो अफ़सोस उनके पति यह देखने के लिए नहीं है। इंद्रा का कहना है, 'अगर आज वो जीवित होते तो मेरी इस उपलब्धि पर बहुत खुश होते।'
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