कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की परेशानियां बढ़ा दी हैं। इस घटना के एक महीने बीत जाने के बाद भी डॉक्टर लगातार हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दो घंटे तक इंतजार कराया, फिर भी उनसे मिलने नहीं आए।
इस दौरान राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी की तुलना शेक्सपियर की किरदार 'लेडी मैकबेथ' से करते हुए उन्हें सामाजिक बहिष्कार करने की बात कही है। राज्यपाल ने कहा कि वह अब मुख्यमंत्री के साथ कभी भी कोई मंच साझा नहीं करेंगे और न ही किसी ऐसी बैठक में शामिल होंगे जहां मुख्यमंत्री मौजूद हों। सीवी बोस ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विडंबना है कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री, दोनों ही खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। इसके बावजूद वो लोगों को सुरक्षा देने के बजाए खुद प्रदर्शन कर रही हैं ? वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं ? उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी (जिन्हें उन्होंने 'बंगाल की लेडी मैकबेथ' कहा) चाहे तो हुगली नदी का पानी रोक सकती हैं, लेकिन अपने दागदार हाथों को साफ नहीं कर सकतीं। उनका इशारा राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और अस्पतालों में फैली हिंसा की ओर था।
अब सवाल उठता है कि आखिर 'लेडी मैकबेथ' कौन थीं? विलियम शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक 'मैकबेथ' में लेडी मैकबेथ एक प्रमुख पात्र हैं। वह एक बहुत महत्वाकांक्षी महिला थी, जो अपने पति मैकबेथ को राजा बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी। लेडी मैकबेथ अपने पति को राजा डंकन की हत्या के लिए उकसाती है ताकि वह स्कॉटलैंड की रानी बन सके। उसकी निष्ठुरता और सत्ता की भूख उसे कुख्यात बनाती है। लेकिन धीरे-धीरे उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है और अपराध बोध से वह खुद को जिम्मेदार मानने लगती है। शेक्सपियर के इस नाटक में लेडी मैकबेथ के माध्यम से इंसानी महत्वाकांक्षाओं और सत्ता की भूख के लिए किसी भी सीमा को पार करने के जुनून को दर्शाया गया है।
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