मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार में कोई भी सुपर सीएम नहीं है। यहां सिर्फ एक सीएम है और वह हैं एकनाथ शिंदे। हम उनके नेतृत्व में काम कर रहे हैं, किन्तु कुछ लोग इसे पचा नहीं सकते। उन्हें विपक्ष में रहने की आदत डालनी चाहिए। विपक्ष के कुछ नेता यह दावा कर रहे हैं कि भले ही शिंदे सीएम हों मगर फडणवीस ही फैसला ले रहे हैं।
पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए फडणवीस ने कहा, "उस सरकार की अंतिम मंत्रिमंडल बैठक राज्यपाल द्वारा बहुमत साबित करने के बुलावे के बाद बुलाई गई थी। बैठक अवैध थी। उन्होंने औरंगाबाद का नाम परिवर्तित कर संभाजीनगर करने, उस्मानाबाद का नाम परिवर्तित कर धाराशिव करने तथा नवी मुंबई हवाईअड्डे का नाम डीबी पाटिल करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि हम अगली मंत्रिमंडल बैठक में इस फैसलों पर फिर से विचार करेंगे।
वही 2014 से 2019 तक सीएम रहे फडणवीस को पार्टी आलाकमान के बोलने पर उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा, क्योंकि भाजपा ने शिवसेना के बागी शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया था। वहीं फडणवीस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात पर कहा कि उन्होंने ठाकरे से शिष्टाचार भेंट की थी। उन्होंने कहा कि वह (राज ठाकरे) अस्वस्थ हैं, इसलिए उनसे मुलाकात करने गया था। इसमें क्या सियासत हो सकती है? महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए उन 4 फैसलों को बहाल कर दिया है, जिन्हें 2015-2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरम्भ किया था किन्तु 2019 के बाद उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी सरकार ने रद्द किया था। एकनाथ शिंदे ने उद्धव सरकार के जिन 4 निर्णयों को बदला है, उनमें एपीएमसी मंडियों में किसानों के मतदान अधिकार को बहाल करना, आपातकालीन के दौरान जेल में बंद व्यक्तियों को पेंशन फिर से आरम्भ करना तथा लोगों द्वारा सीधे ग्राम प्रधानों और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव करना सम्मिलित है।
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