नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (1 अगस्त) को दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को कड़ी फटकार लगाई, जिन पर पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। कोर्ट ने हमले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वह "स्तब्ध" है और एक "गुंडे" ने केजरीवाल के आवास में घुसकर मालीवाल पर हमला किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की तीन सदस्यीय पीठ कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस हालिया आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार किया गया था। मई में दिल्ली की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "क्या मुख्यमंत्री का बंगला निजी आवास है? क्या उस कार्यालय में ऐसे गुंडे रखे जाने जरूरी हैं? क्या यह ऐसा ही है? हम स्तब्ध हैं। सवाल यह है कि यह कैसे हुआ।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार से उन पर हमला करना बंद करने को कहा था, लेकिन उन्होंने हमला जारी रखा। अरविन्द केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी और बेहद करीबी बिभा कुमार के आचरण को लेकर उनकी खिंचाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "वह (अपने बारे में) क्या सोचते हैं? क्या उनके सिर में कोई ताकत है? आपने ऐसा दिखाया जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस आया हो। क्या बिभव कुमार को ऐसा करने में कोई शर्म है? स्वाति मालीवाल एक युवा महिला हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको भी वहां रहने का कोई अधिकार नहीं था। क्या आपको लगता है कि उस कमरे में मौजूद किसी व्यक्ति में बिभव के खिलाफ कुछ कहने की हिम्मत होती?" बता दें कि, बिभव कुमार पर 13 मई को दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है।
इससे पहले बिभव कुमार ने हाईकोर्ट में कहा था कि उन्हें पहले ही अनुचित कारावास की सजा भुगतनी पड़ी है और वे 25 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं। वहीं, इससे पहले सीएम केजरीवाल और उनकी पूरी ने भी इस मामले को दबाने की काफी कोशिश की थी, स्वाति मालीवाल के चरित्र पर हमले किए गए थे। लेकिन अब अदालत ने तमाम तथ्यों को देखते हुए केजरीवाल के PS बिभव कुमार को जमानत देने से इंकार कर दिया है।
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