जिनेवा: दिनों दिन हाहाकार मचा रहा कोरोना वायरस अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन इस वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण आज मानवीय पहलू तबाही की कगार पर पहुंच चुका है. हर दिन इस वायरस के कारण न जाने ऐसे कितने परिवार है जी मौत का शिकार हो रहे है, वहीं इस वायरस का संक्रमण लोगों की जान का दुश्मन बनता जा रहा है रोजाना इसकी चपेट में आने से लाखों लोग संक्रमित हो रहे है. यदि हम बात करें दुनियाभर में मरने वालों की तो अब तक 3 लाख 20 हजार से अधिक लोगों की मौते हो चुकी है. जंहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) बीते सोमवार को भारत समेत 100 देशों की मांग पर कोरोना वायरस को लेकर अपनी भूमिका की निष्पक्ष जांच को तैयार हो गया. इस बीच संगठन प्रमुख टेड्रॉस ए गेब्रेयसस ने सभी देशों से एजेंसी का वित्त पोषण जारी रखने का आग्रह भी किया.
मिली जानकारी के अनुसार गेब्रेयसस ने कहा, वह जल्द से जल्द संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की महामारी से निपटने की भूमिका पर जांच शुरू करेंगे. विश्व स्वास्थ्य सभा की 73वीं बैठक में कोविड-19 महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर प्रस्ताव रखने के बाद उन्होंने यह भरोसा दिया. डब्ल्यूएचओ पर लग रहे आरोपों का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया को किसी अन्य तंत्र, समिति या संगठन की जरूरत नहीं है.डब्ल्यूएचओ को मजबूती चाहिए, इसलिए इसका वित्त पोषण जरूरी है. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य सभा में डब्ल्यूएचओ की स्वतंत्र जांच के लिए प्रस्ताव को भारत समेत 62 देशों ने अपना समर्थन दिया. प्रस्ताव में कोविड-19 महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की स्वतंत्र जांच कराने का आग्रह किया गया.
जंहा इस बात का पता चला है कि चीन भी जांच को तैयार, देनी पड़ी सफाई चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कोविड-19 महामारी पर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की जांच को तैयार हो गए. उन्होंने कहा, चीन डब्ल्यूएचओ की अगुवाई में कोरोना महामारी में वैश्विक कार्रवाई की समीक्षा का समर्थन करता है. चीन जांच के लिए तैयार है, लेकिन यह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए. इस बीच उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनका देश इस महामारी से जंग के लिए दो साल में दो अरब डॉलर की मदद भी देगा. यह मदद विशेष रूप से विकासशील देशों की होगी.
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