किन्शासा: कांगो की सरकार ने सोमवार को ऐलान किया है कि इबोला वायरस बीमारी का नया प्रकोप इक्वाटर प्रांत में वांगता क्षेत्र में हो रहा है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वांगटा में अब तक इबोला के छह केस का पता चला है, जिनमें से चार की जान जा चुकी है। इबोला के दो मरीज जीवित हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहोम घेबियस ने कहा कि यह याद दिलाता है कि कोरोना वायरस ही लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्या नहीं है।
हालांकि, हमारा अधिकांश ध्यान महामारी पर है, किन्तु WHO कई अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों की निगरानी कर रहा है और प्रतिक्रिया दे रहा है। कांगो ने अभी तक अपने पूर्वी इलाके में स्वास्थ्य समस्या खड़ी करने वाले इबोला वायरस के आधिकारिक रूप से समाप्त होने का ऐलान नहीं किया है। अगस्त 2018 में महामारी शुरू होने के बाद से वहां अभी तक कम से कम 2,243 लोगों की जान जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1976 में देश में पहली दफा इस वायरस का पता चलने के बाद से यह कांगो में इबोला का 11वां प्रकोप है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर एटनी लोंगोंडो के मुताबिक, 18 मई को पीड़ितों की मृत्यु हो गई, लेकिन इबोला की पुष्टि करने वाले परीक्षण के नतीजे सप्ताहांत में मिले। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उन्होंने पहले से ही अपनी टीम वहां भेज दी थी। कोरोना वायरस पहले से ही कांगो के 25 प्रांतों में से सात में फैल चुका है, जहां 3,000 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 72 मरीजों की जान जा चुकी है। हालांकि, कई अफ्रीकी देशों की तरह, कांगो ने काफी सीमित परीक्षण किए हैं और पर्यवेक्षकों को डर है कि कोरोना की वजह से मृतकों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है।
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