मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, किन्तु मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बरकरार है। महायुति में मुख्य साझेदार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), एकनाथ शिंदे की शिवसेना, तथा अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं। तीनों दलों ने मिलकर 235 सीटें जीती हैं, मगर मुख्यमंत्री पद किसे मिलेगा, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है।
महायुति ने कुल 235 सीटें जीती हैं, जिनमें से भारतीय जनता पार्टी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए 145 सीटों का बहुमत जरूरी है, इसलिए तीनों दलों का साथ रहना अनिवार्य है। शिवसेना और एनसीपी मिलकर भी सरकार नहीं बना सकते, क्योंकि उनके पास कुल 98 सीटें ही हैं। वहीं, अजित पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। उनके इस बयान से शिवसेना नाराज दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार
मुख्यमंत्री पद के लिए दो प्रमुख दावेदार सामने आए हैं—भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के एकनाथ शिंदे।
देवेंद्र फडणवीस:
फडणवीस महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं तथा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनके नाम का समर्थन कर रहा है। अजित पवार ने भी स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
एकनाथ शिंदे:
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने महायुति के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी ने 57 सीटें जीतीं। शिवसेना का कहना है कि शिंदे के नेतृत्व में उन्हें बड़ी जीत मिली है, इसलिए मुख्यमंत्री पद उनके पास होना चाहिए।
अजित पवार की भूमिका: किंगमेकर
अजित पवार की NCP ने 41 सीटें जीतकर गठबंधन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी का स्थान पाया है। हालांकि उनकी सीटें कम हैं, लेकिन उनकी भूमिका किंगमेकर की बन गई है। अजित पवार का यह बयान कि देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, शिवसेना को नाराज कर रहा है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामदास कदम ने मंगलवार (26 नवंबर, 2024) को कहा कि अजित पवार के कारण शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कमजोर हुई है। उन्होंने कहा, "अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति देकर हमारी स्थिति कमजोर कर दी है। हालांकि, महायुति में कोई विवाद नहीं होगा। हमने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। हमें लगता है कि मुख्यमंत्री शिंदे को ही बनना चाहिए, जबकि भाजपा फडणवीस को सीएम बनाना चाहती है।" NCP को इस बात का भी एहसास है कि यदि फडणवीस सीएम बनते हैं, तो गठबंधन में शिवसेना के बराबर उसका कद हो सकता है। 132 सीटें जीतने वाली भाजपा के बाद शिवसेना और एनसीपी क्रमशः दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी पार्टियां हैं।
सोमवार को महायुति की बैठक के पश्चात् यह संकेत प्राप्त हुए हैं कि अजित पवार एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में डिप्टी सीएम पद संभालने को तैयार हैं, जैसा 2019 में हुआ था। हालांकि, उस समय भाजपा की सरकार महज 80 घंटे में गिर गई थी। दूसरी ओर, यदि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एनसीपी सीटों के आधार पर बीजेपी के समान पदों की मांग कर सकती है।