पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान के देहांत से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर चुनाव का ऐलान हो गया है. बिहार की इस एकमात्र राज्यसभा सीट पर 14 दिसंबर को उपचुनाव प्रस्तावित है. एनडीए की तरफ से रामविलास पासवान की जगह कौन उच्च सदन में जाएगा, इसको लेकर सभी के मन में सवाल है. हालांकि, एलजेपी के हिस्से की यह सीट उसी के खाते में रहेगी या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है.
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एलजेपी चीफ चिराग पासवान ने जिस तरह से सीएम नीतीश कुमार को निशाना बनाया और JDU के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे. ऐसे में जेडीयू ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि राज्यसभा की सीट के लिए लोजपा से किसी उम्मीदवार का नाम तय होता है, तो जेडीयू की तरफ से उसे समर्थन नहीं दिया जाएगा. वहीं, जेडीयू के समर्थन के बिना NDA के लिए यह सीट जीतना मुश्किल है.
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के 2019 में लोकसभा सांसद बनने से राज्यसभा सीट रिक्त हुई थी, जिसके बाद लोकसभा चुनाव में सीट विभाजन के समझौते के तहत भाजपा ने अपने कोटे से रामविलास पासवान को उच्च सदन में भेजा था. ऐसे में पासवान के निधन से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर जिस तरह से समीकरण बन रहे हैं, उससे फिर से यह सीट भाजपा के खाते में चली जाने की संभावना नज़र आ रही है.
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