लखनऊ: रविवार (31 मार्च) को, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर मृतक मुख्तार अंसारी की सराहना करने के लिए अपने कांस्टेबल फैयाज खान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की। कानून प्रवर्तन का हिस्सा होने के बावजूद, कांस्टेबल फैयाज खान ने मृत माफिया-डॉन को खुले तौर पर अपना समर्थन दिया था।
सोशल मीडिया पर सामने आए स्क्रीनशॉट में पुलिस कॉन्स्टेबल ने लिखा था, ''शेर की गुर्राहट से जिनके आका बाप दादा की पेंट गीली हो जाती थी, वो आज बाबा की जय और ......... के नारे लगा रहे हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि, जिन्दा रहेगा वो तो दिलों में अवाम के, ए दिल ना उसकी मौत पर रंजो मलाल कर। हिम्मत नहीं थी सामने आकर लड़े कोई, धोखे से मारा शेर को पिंजरे में डालकर। अलविदा शेर ए पूर्वांचल। #मुख़्तार_अंसारी।
जब स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लखनऊ पुलिस तुरंत हरकत में आई और पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की। मामले के बारे में बात करते हुए, डीसीपी (उत्तर) अभिजीत शंकर ने कहा, “31 मार्च 2024 को सोशल मीडिया के माध्यम से मामला सामने आया कि बीकेटी (बख्शी-का-तालाब) पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल फैयाज खान ने मुख्तार अंसारी के समर्थन में एक व्हाट्सएप स्टेटस अपलोड किया था। बीकेटी पुलिस स्टेशन के SHO (स्टेशन हाउस ऑफिसर) से प्राप्त जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि फ़ैयाज़ खान ने यूपी पुलिस की सोशल मीडिया नीति का उल्लंघन किया है। उनके निलंबन के संबंध में भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को एक पत्र भेजा गया है।”
DCP ने आगे कहा, "ECI से अनुमति मिलने पर आरोपी पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया जाएगा।" बता दें कि मुख़्तार अंसारी के जनाजे की तस्वीरें भी सामने आई थी। जिसमे लोग मुख़्तार अंसारी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और उसे शहीद बता रहे थे। हज़ारों मुसलमान उसके जनाजे में इकट्ठा हुए थे और ग़ाज़ीपुर में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के सुपुर्द ए ख़ाक होने तक कब्रिस्तान भी पहुंचे थे।
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