देशभर में PFI पर क्यों पड़ रहे छापे, आखिर क्या है इस संगठन का मकसद ?

देशभर में PFI पर क्यों पड़ रहे छापे, आखिर क्या है इस संगठन का मकसद ?
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नई दिल्ली: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एक्शन जारी है। रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार (27 सितम्बर) सुबह  संगठन के लगभग 170 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इस दौरान 7 राज्यों में पुलिस ने छापेमारी की है। हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 राज्यों में रेड मारते हुए 100 से अधिक PFI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र की पुलिस टीमें, अपने -अपने राज्यों में छापेमारी कर रही है। खबर है कि हिंसक प्रदर्शनों की योजना से जुड़ी ख़ुफ़िया सूचना मिलने के बाद छापे मारे गए थे। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने बताया है कि सुबह 6 बजे तक 7 राज्यों में 200 ठिकानों पर छापेमारी कर 170 से अधिक कैडर्स को हिरासत में ले लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक खुफिया नोट से पता चला है कि PFI सरकारी एजेंसियों, भाजपा और RSS के नेताओं और संगठन को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था। नोट के मुताबिक, अपने वरिष्ठ नेताओं को नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में रखे जाने के बाद PFI कार्यकर्ता बौखलाए हुए हैं हैं।

नोट में आगे कहा गया है कि PFI ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाबी कार्रवाई का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, PFI ने 'बयाथीस' का रास्ता चुना है। यह अरबी शब्द है, जिसका सामान्य भाषा में अर्थ 'मौत का सौदागर' या 'फिदायीन' होता है, जो अपने आमिर या आका के लिए मरने या मारने की कसम खाते हैं। खबर है कि NIA, पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इन 8 राज्यों में छापेमारी कर रही हैं। असम से 7 PFI नेताओं को अरेस्ट कर लिया गया है। वहीं, कर्नाटक में 45 सदस्यों को पकड़ा गया है। इन्हें स्थानीय तहसीलदार के समक्ष पेश किया जाएगा और न्यायिक हिरासत मांगी जाएगी। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए इन PFI नेताओं ने या तो NIA को रोकने का प्रयास  किया और पहले विरोध प्रदर्शन किए थे या स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाया था।

क्या है PFI का मकसद:-

1-सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाना और देश विरोधी प्रचार करना
2-मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल, कॉलेज, मदरसों को जहर फ़ैलाने के लिए इस्तेमाल करना
3-मुस्लिम युवाओं को हिंसा करने, पत्थरबाज़ी करने आदि की ट्रेनिंग देना 
4-कट्टरपंथी विचारों के प्रसार के लिए भर्तियां करना
5-अलग-अलग विंग के जरिए सरकारी एजेंसियों को चकमा देना 
6- SC/ST और OBC को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काना 
7-50% मुस्लिम साथ आते ही बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करना
 
इतना ही नहीं PFI स्लीपर सेल पर पूरे देश में जांच एजेंसियों की तरफ से डाले गए कई छापों से यह पता चलता है कि कट्टरपंथी संगठन ने सरकारी एजेंसियों से बचने और अपने एजेंडे को फैलाने के लिए कई विंग लॉन्च कर रखे हैं। PFI ने सरकारी एजेंसियों के चंगुल से बचने के लिए कई छोटे-छोटे संगठन बना रखे थे। इन छोटे संगठनों के जरिए वह मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में बड़ी तादाद में भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। कई जगह मदरसों में मुस्लिम बच्चों को हिंसा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन लोगों पथराव करने और कराटे की भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

यह भी खुलासा हुआ है कि PFI अपनी बैठक में कट्टरपंथ और हिंसा फैलाने का प्रशिक्षण देता है। पत्थर फेंकने से लेकर घर की छत पर पत्थर जमा करने तक PFI की बैठकों में सिखाया जाता है। इसके साथ ही PFI, लोगों को भीड़ में जुटना, फिर लोगों को भड़काकर दंगा फैलाने का भी प्रशिक्षण देता है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि दक्षिण भारत में 200 से ज्यादा आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। PFI का मकसद गरीब, भिखारी और प्रताड़ित मुस्लिम युवाओं को टारगेट करना है। इन लोगों को दिमाग में हिंदू विरोधी जहर भरकर उनका ब्रेनवॉश करना भी शामिल है। साथ ही, PFI 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के प्लान पर भी काम कर रहा है, इसके लिए वो SC/ST और OBC को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर काम कर रहा है। 

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