दुनियाभर में कई बातें हैं जो मानी जाए तो सच और ना मानी जाए तो झूठ कही जा सकती है. कई लोग ऐसे हैं जो हर बात पर यकीन कर लेते हैं फिर वह अंधविश्वास ही क्यों ना हो. ऐसे में सभी लोग मानते हैं कि भोलेनाथ की पूजा करने से जल्दी वर की प्राप्ति होती है। जी हाँ, कहा जाता है देवों के देव महादेव देवताओं में सबसे श्रेष्ठ देवता माने जाते हैं लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि शिवलिंग की पूजा करना व उसे छूना कुंवारी नारियों के लिए निषेध माना जाता है। जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं आखिर क्या है इसके पीछे की वजह.
शिवलिंग कुंवारी कन्याओं द्वारा नहीं छुए जाने की वजह- जी दरअसल लिंगम एक साथ योनि (जो देवी शक्ति का प्रतीक है व महिला की रचनात्मक ऊर्जा है) का प्रतिनिधित्व करता है और शास्त्रों के अनुसार शिवपुराण में लिखा गया है, 'यह एक ज्योति का प्रतीक है।' कहा जाता है अविवाहित स्त्री को शिवलिंग के करीब जाने की अनुमति नहीं है और इसके चारों ओर भी अविवाहित स्त्री को नहीं घूमना चाहिए क्योंकि भगवान शिव बेहद गंभीर तपस्या में व्यस्त रहते हैं। कहते हैं ऐसी मान्यता है कि देवों के देव महादेव की तंद्रा में विघ्न न पड़ जाए इस कारण से उनकी पूजा स्त्रियों को करने से मना किया जाता है.
वहीं अगर महिलाएं लगातार 16 सोमवार भगवान शिव का व्रत रखती हैं तो कुंवारी महिलाओं को अच्छा वर प्राप्त होता है. केवल इतना ही नहीं ऐसी विवाहित महिलाओं के पति नेक मार्ग पर चलते हैं और जीवन में खूब तरक्की भी करते हैं.
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