कई लोग ऐसा कहते हैं कि जगह बदल गई तो नींद नहीं आती, कई नई जगह गए तो सारी रात नींद नहीं आई. इसे सुन कर कुछ लोग हँसते भी हैं. मगर इसके पीछे कारण क्या हैं. एक रिसर्च में सामने आया हैं ऐसा इसलिए होता हैं क्योकि ब्रेन आधे भाग की तुलना में दूसरा आधा भाग जागा रहता हैं.
इस रिसर्च में उन 35 लोगों के ब्रेन पर नजर रखी गई हैं जिन्होंने स्लिप लैब में कई रातें बिताई थी. जिसके तहत सामने आया कि पहली रात के समय गहरी नींद के दौरान ब्रेन के दाये गोलार्द्ध की तुलना में ब्रेन का बाया गोलार्द्ध ज्यादा एक्टिव था. ब्रेन की एक्टिविटी में यह अंतर कोई ड्रामेटिक नहीं हैं बल्कि समुद्री जीवो की तरह हैं जो सोते समय ब्रेन का आधा हिस्सा बंद कर देते हैं.
ब्रेन के दोनों गोलार्द्धों में जितना अंतर होता हैं, उस व्यक्ति के लिए सोना उतना ही मुश्किल हो जाता हैं. जब छोटी सी बीप भी इनके कान में बजाई जाए तो ये लोग आसानी से जाग जाते हैं. इस पर अभी और रिसर्च जारी हैं.
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