जब बच्चा छोटा होता है तो वह अक्सर रोता है. तब ये समझ में नहीं आता कि उसे क्या समस्या है, उसे क्या हुआ है. बच्चों का रोना उनकी भाषा होती है. इसके जरिये वह अपनी बात व्यक्त करते है. आपको बता दे हर बार बच्चा किसी समस्या होने पर नहीं रोता बल्कि ध्यान आकर्षित करने के लिए भी रोता है.
बच्चा इस दुनिया में कदम ही रो कर रखता है. रोने से उसके फेफड़ो में हवा भरती है और वह सांस ले पाता है. बच्चे के नहीं रोने से खतरा की संभावना होती है. बच्चे कई बार माँ के गले से चिपकने के लिए भी रोते है. यदि बच्चा नहीं रोता है तो यह अच्छा संकेत नहीं है. इस तरह का बच्चा स्ट्रेस में हो सकता है.
आपको बता दे कि बच्चे के रोने का अर्थ है उसका वर्कआउट, जब बच्चा रोता है तब उसकी मसल्स मजबूत होती है. ये उसके शरीर के लिए एक तरह का वर्कआउट है. बच्चे को रोने के बाद बहुत बेहतर महसूस होता है क्योंकि उसके इमोशन्स रिलीज़ हो जाते हैं और वो हल्का महसूस करते हैं.
ये भी पढ़े
योगा करना बन जाता है दर्द का कारण