अपने कहानियों में विशिंग वेल के बारे में सूना होगा. जिसमे लोग सिक्का फेंक कर विश मांग लेते थे. भारत में भी लोग कोई नदी देखने पर उसमे सिक्के फेंक कर मन्नत मांग लेते है. लोग इस क्यों करते है? इस सवाल का जॉब हम ढूंढ कर सिर्फ आपके लिए लेकर आये है.
दरअसल पहले तांबे के सिक्को का चलन अधिक था. ताम्बे पानी का प्यूरिफिकेशन होता है. इसी वजह से लोग नदी तालाब में सिक्के डालते थे. ये सिक्के डालने की प्रथा तब से चली आ रही है. जबकि आज सिक्को में तांबे का प्रयोग ना के बराबर होता है. और इससे नदी और दुसरे जल स्त्रोत को भी नुकसान पहुचता है.
इसके अलावा इस मान्यता के पीछे एक और वजह है. जिसके अनुसार, नदी में चांदी के सिक्के और कुछ पूजन सामग्री प्रवाहित करने से दोष मुक्त होता है. इसके साथ ही इसे एक तरह का दान भी बताया गया है.
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