जब लता मंगेशकर से 'भारत रत्न' छीनने की उठी थी मांग, भाई को AIR की नौकरी से निकल दिया गया था ..

जब लता मंगेशकर से 'भारत रत्न' छीनने की उठी थी मांग, भाई को AIR की नौकरी से निकल दिया गया था ..
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नई दिल्ली: स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। रविवार (6 फरवरी, 2022) को उनका स्वर्गवास हो गया। ये तो कई लोगों को पता है कि मंगेशकर परिवार के स्वतंत्रता सेनानी वीर विनायक दामोदर सावरकर से काफी अच्छे रिश्ते थे। मगर, ये कम ही लोगों को पता है कि किस तरह ‘ऑल इंडिया रेडियो (AIR)’ ने लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को केवल इसीलिए निकाल दिया था, क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर द्वारा लिखी एक कविता गा दी थी। बता दें कि वीर सावरकर ने इंग्लैंड में ही ‘सागरा प्राण तळमळला’ नाम से एक कविता लिखी थी।

इस कविता में वीर सावरकर समुद्र से गुहार लगा रहे हैं कि वो उन्हें उनकी मातृभूमि तक ले जाए, क्योंकि अब यहाँ उनका जीना कठिन हो रहा है। उन्होंने भारत की सुंदरता का उल्लेख करते हुए लिखा है कि किस तरह समुद्र को उन्होंने भारत माता के पाँव धोते हुए देखा है। वो समुद्र से कह रहे हैं कि उसने उनसे वादा किया था कि बाहर की दुनिया दिखाने के बाद वो उन्हें वापस अपनी मातृभूमि पर ले जाएगा। इस कविता में अपनी जन्मभूमि से अलगाव का दर्द झलकता है। एक परदेशी को उसकी मातृभूमि की याद सताती है, उसे इस कविता में दिखाया गया है।

बता दें कि एक समय में हृदयनाथ और उनकी बहनें, लता मंगेशकर और उषा मंगेशकर, वीर सावरकर की इस कविता को संगीतबद्ध कर चुके थे। मगर, कॉन्ग्रेस को यह चीज नहीं पसंद आई और उन्होंने पंडित हृदयनाथ को AIR की नौकरी से निकलवा दिया। इस बात को खुद हृदयनाथ मंगेशकर ने कई वर्षों बाद एबीपी माझा को दिए एक साक्षात्कार में कहा था। उन्होंने 53 मिनट के साक्षात्कार में बताया था कि उन्हें एक बार AIR की नौकरी गंवाना पड़ी था, केवल इसलिए क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर की प्रतिष्ठित कविता का एक संगीतमय गायन बनाने की हिम्मत की थी, जिसमें उन्होंने उन्हें मातृभूमि में वापस ले जाने के लिए समुद्र की तारीफ की थी। अपने मराठी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि, 'मैं उस वक़्त AIR में काम कर रहा था। मैं 17 वर्ष का था और मेरा वेतन 500 रुपए प्रति माह था। यह आज मूंगफली भर हो सकती है, मगर उस दौर में 500 रुपए एक बड़ा वेतन माना जाता था … संक्षेप में कहूँ तो मुझे AIR से निकाल दिया गया था क्योंकि मैंने वीर सावरकर की प्रसिद्ध कविता ‘ने मजसी ने परत मातृभूमि, सागर प्राण’ के लिए एक संगीत रचना बनाने का विकल्प चुना था।'
 
एक ऐसा दौर भी आया था, जब कांग्रेस ने लता मंगेशकर को दिए गए ‘भारत रत्न’ सम्मान को छीनने की माँग की थी। ये सभी को पता है कि जनवरी 1963 में लता मंगेशकर ने जब ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना गाय था, तब तत्कालीन PM नेहरू की आँखों में आँसू आ गए थे। 2013 में लता मंगेशकर ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। जनार्दन चांदुरकर उस वक़्त मुंबई कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष थे। उन्होंने फ़ौरन केंद्र की कांग्रेस सरकार से माँग कर दी थी कि लता मंगेशकर को दिया गया ‘भारत रत्न’ सम्मान छीन लेना चाहिए। 

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