नई दिल्ली: दिल्ली में महापौर पद के चुनाव के लिए आरंभ हुई नगर निगम की कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई। इस बीच सदन में कई पार्षदों ने कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे पर भी फेंकी। टेबल पर खड़े होकर पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के समक्ष जमकर नारेबाजी की। इसके बाद दोनों पार्टियों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
नगर निगम की कार्यवाही में आज दिल्ली के महापौर का चुनाव होना था, मगर उससे पहले पीठासीन अधिकारी को चुना गया और उसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ ग्रहण करने के लिए बुलाया। इसको लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने बवाल करना शुरू कर दिया। जैसी ही पीठासीन ने मनोनीत पार्षदों ने बुलाया, AAP नेता मुकेश गोयल ने खड़े होकर इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा तो पिछले 15 वर्षों से होते हुए आया है, अब इसको बदलना होगा। उसके बाद AAP के पार्षदों ने सदन में हंगामा आरंभ कर दिया।
AAP पार्षदों ने बेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया और फिर वो पीठासीन अधिकारी की मेज के समक्ष जमकर नारेबाजी की। दरअसल दिल्ली में महापौर के चुनाव में हार-जीत बेहद कम अंतर से होनी है, इसको लेकर दोनों ही पार्टियां जोड़तोड़ में लगी हुईं हैं। मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने को लेकर AAP की तरफ से आरोप लगाया गया कि भाजपा 10 मनोनीत पार्षदों को मतदान का अधिकार देने की साजिश रच रही है।
वहीं, नगर निगम की कार्यवाही में हंगामे के बाद भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा है कि हमारी महिला पार्षदों के साथ बदतमीजी की गई। शराब पीकर आए पार्षदों ने नुकीलों चीजों, कांच के टुकड़ों से उनको नुकसान पहुंचाया और उनके बाल खींचे। इसके साथ ही भाजपा की महिला पार्षद ने इल्जाम लगाया कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई, गलत भाषा का प्रयोग करके शपथ लेने से रोका गया। MCD के इतिहास में इससे काला दिन नहीं हो सकता है।
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