इस्लामाबाद: कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक, जो आतंकी गतिविधियों के मामले में भारत से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है, 1 अक्टूबर को पाकिस्तान पहुंचा और 28 अक्टूबर तक वहां रहने वाला है। कराची में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए नाइक ने अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए। उसने कहा कि पाकिस्तान आने पर उसके सामान का वजन लगभग 1000 किलोग्राम था, और जब उसने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के CEO से संपर्क किया तो उसे 50% छूट की पेशकश की गई थी। लेकिन नाइक ने पूरी छूट मांगी और पूरा सामान मुफ्त में ले जाने की मांग की। उसने नाराजगी जताते हुए कहा कि PIA उसे राजकीय अतिथि होने के बावजूद सिर्फ 300 किलोग्राम अतिरिक्त सामान ले जाने की अनुमति भी नहीं दे सका।
#PIA ने जाकिर नाइक से 300 किलो अतिरिक्त सामान का 50% भुगतान करने को कहा ...
— ????????विनोद कुमार सिंह रैकवार ???????? (@SonOfAvadh) October 7, 2024
और अचानक जाकिर नाइक पाकिस्तान को कोसने लगा और भारत को याद में भारत का गुणगान करने लगा। ???????????? pic.twitter.com/nijTrlyFSD
जाकिर नाइक ने शिकायत की कि उसे अतिरिक्त सामान के लिए भारी शुल्क चुकाना पड़ा, जिससे वह निराश हुआ। उसने पाकिस्तान में मिली इस सुविधाहीनता की तुलना भारत से करते हुए कहा कि भारत में जब कोई हिंदू उसे देखता है, तो वह बिना किसी शुल्क के सामान माफ कर देता है, और उसे यहां काफी सम्मान मिलता है। उसने कहा कि, "यह भारत है, जहां लोग डॉ जाकिर नाइक को देखते ही 1,000 से 2,000 किलोग्राम अतिरिक्त सामान का शुल्क माफ कर देते हैं। मगर मैं पाकिस्तान में सरकार का मेहमान हूं और मेरे वीजा पर राज्य अतिथि लिखा हुआ है, इसके बाद भी PIA सीईओ मुझे 50 फीसद छूट दे रहे हैं? जाकिर नाइक ने बताया कि एयरलाइंस ने उनसे हर 1 किलो अतिरिक्त सामान के लिए 101 मलेशियाई रिंगिट (लगभग 2,137 रुपये) का शुल्क वसूल किया। उसने यह भी कहा कि भारत के लोग उसे पसंद करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उसने गलत ठहराया, न कि पूरे भारत को।
गौरतलब है कि 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जाकिर नाइक पर मामला दर्ज किया था, जिसके बाद वह भारत से भागकर मलेशिया में बस गया। भारत ने उसका प्रत्यर्पण मांगा है, लेकिन मलेशिया ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है और उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान, जिसने उसे मजहबी भाषण देने के लिए बुलाया है, आर्थिक तंगी के कारण उसे आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान नहीं कर सका। इस स्थिति में नाइक को एक बार फिर हिंदुस्तान की याद आ गई, जहां से वह युवाओं में कट्टरपंथी विचारधारा फैलाकर भागा था।
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