नई दिल्ली: भाजपा नीत गठबंधन NDA द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का नाम कई लोगों को, खासकर विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। यही कारण है कि उनकी तरफ से एक आदिवासी महिला नेता के खिलाफ सोशल मीडिया पर फर्जी दावे किए जा रहे हैं। मोदी सरकार के कट्टर विरोधी माने जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं। भूषण ने द्रौपदी मुर्मू की एक तस्वीर साझा करते हुए दावा किया है कि यदि वह राष्ट्रपति बन गईं, तो पीछे से भाजपा और RSS काम करेंगे, उनका सिर्फ स्टाम्प रहेगा। यही नहीं प्रशांत भूषण ने ये भी कहा कि मुर्मू स्वतंत्र रूप से कार्यभार नहीं संभाल सकेंगी।
अपने दावे को साबित करने के लिए प्रशांत भूषण ने एक तस्वीर शेयर की है। इस फोटो में संघ प्रमुख मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू भारत माता के आगे शीष झुकाते नज़र आ रहे हैं। इस तस्वीर के साथ प्रशांत ने लिखा है कि, 'भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू, मोहन भागवत से मिलने नागपुर में RSS के मुख्यालय गईं! क्या कोई संदेह बचता है कि वो केवल एक मोहरा होंगी और स्वतंत्रत रूप से नहीं काम कर पाएँगी?' हालांकि, बाद में प्रशांत भूषण ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। कारण है- इसका फर्जी होना।
दरअसल, जो तस्वीर प्रशांत भूषण ने शेयर की है, वो एडिटिड है और दो फोटो काटकर एक फोटो तैयार की गई है। एक तस्वीर RSS के ट्विटर पर 11 मार्च 2022 को पोस्ट की गई थी। इसमें मोहन भागवत गुजरात के एक कार्यक्रम में माँ भारती को नमन कर रहे थे। उनके साथ दत्तारेया होसबोले भी थे। तस्वीर में देख सकते हैं कि बैकग्राउंड वही है, कपड़े वही हैं, बस द्रौपदी मुर्मू इस तस्वीर में नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आज गुजरात के कर्णावती में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत और मा. सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया। बैठक 13 मार्च को सम्पन्न होगी। pic.twitter.com/gWNk7KwpwZ
— RSS (@RSSorg) March 11, 2022
अब सवाल है कि द्रौपदी मुर्मू की यह फोटो यहाँ कैसे आई। तो बता दें कि इस फोटो को न्यूज़ पोर्टल 'द क्विंट' के आर्टिकल में 24 जून 2022 को छापा गया था। आर्टिकल में द्रौपदी मुर्मू, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अभिवादन कर रही थीं और सोरेन भी उन्हें झुक कर प्रणाम कर रहे थे। इसी फोटो को एडिटिड तस्वीर में जोड़ा गया और प्रशांत भूषण ने लोगों में झूठ फैलाने के लिए इसे साझा भी कर दिया। हालाँकि जब बाद में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इस पर ये कहा गया कि ये मैनिपुलेट करने वाला ट्वीट है तब प्रशांत भूषण ने इसे हटा दिया।
बता दें कि, यह पहली बार नहीं है, जब प्रशांत भूषण ने इस तरह की फर्जी ख़बरें फैलाई हों, वे काफी समय से फर्जी न्यूज फैलाने के लिए कुख्यात रहे हैं। गत वर्ष उन्होंने मास्क को लेकर, कोरोना को लेकर, वैक्सीन को लेकर, उसके असर को लेकर कई तरह की झूठी खबरें फैलाई थी।
'फर्जी ख़बरें' Twitter के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी क्यों ?
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