नई दिल्ली: भारतीय पहलवानों ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भाग लेने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के आवास के बाहर धरना दिया है। पहलवानों का आरोप है कि उन्हें चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका गया है, जबकि वे पिछले कई महीनों से इसकी तैयारी कर रहे थे। यह चैंपियनशिप अल्बानिया में होने वाली है, और पहलवानों को कल रात जानकारी मिली कि उनकी यात्रा रद्द कर दी गई है।
भारतीय कुश्ती टीम अब वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से बाहर हो चुकी है, क्योंकि Wrestling Federation of India (WFI) ने इस इवेंट से अपना नाम वापस ले लिया है। WFI ने इस फैसले का दोष खेल मंत्रालय पर डालते हुए कहा कि मंत्रालय उनकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है। 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होने वाली इस चैंपियनशिप में 12 गैर-ओलंपिक श्रेणियों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
WFI ने हाल ही में अंडर-23 और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल की घोषणा की थी, जिसे कई पहलवानों ने चुनौती दी थी। WFI ने बाद में चयन ट्रायल का नोटिस वापस ले लिया, और अदालत ने 4 अक्टूबर को अवमानना याचिका पर आगे नहीं बढ़ने का निर्णय लिया। एक सूत्र ने बताया कि साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और WFI पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया। WFI ने UWW (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) को सूचित कर दिया है कि अब वे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम नहीं भेज पाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, यह सब मंत्रालय द्वारा जारी निलंबन के कारण हो रहा है, और यदि मंत्रालय निलंबन हटा दे, तो कई समस्याएं सामने नहीं आएंगी। कुछ पहलवानों की वजह से सभी पहलवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, और मंत्रालय अब तक निलंबन नहीं हटा रहा है।
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