नई दिल्ली: शराब घोटाले में अरेस्ट किए गए दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज अदालत में पेश किया। ED ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे रहे हैं कि उन्होंने इतने फोन क्यों बदले ? ED ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल जानबूझकर नष्ट किए। ED ने कोर्ट से और 7 दिन की रिमांड माँगी, हालाँकि, अदालत ने ED के आग्रह को स्वीकार करते हुए मनीष सिसोदिया को 7 दिन की जगह 5 दिन के रिमांड पर भेजा है।
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में आज पेश किया गया। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरेस्ट किए गए मनीष सिसोदिया की 7 दिन की ED कस्टडी खत्म हो गई है। ED ने कोर्ट को यह भी बताया कि हिरासत में एक IAS अधिकारी और आबकारी आयुक्त समेत 3 लोगों से मनीष सिसोदिया का आमना-सामना कराया गया। ED ने कहा कि अन्य आरोपियों से मनीष सिसोदिया का एक बार फिर आमना-सामना कराया जाना है। इसलिए 7 दिन की रिमांड दी जाए।
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया ने 22 जुलाई 2022 को अपना मोबाइल फोन बदल दिया था। यह वही तारीख है, जिस दिन दिल्ली के LG ने शराब घोटाले की शिकायत में CBI जाँच बिठाई थी। जिस फोन को मनीष सिसोदिया ने बदला था, उसे वह काफी समय से उपयोग कर रहे थे। ED ने जब इस फोन के संबंध में मनीष सिसोदिया से सवाल पुछा, तो उन्होंने कहा कि उनका फोन खराब हो गया है। फोन कैसे खराब हुआ और अब कहाँ है, इसका वे कोई उत्तर वह नहीं दे सके। दरअसल, LG द्वारा CBI को सूचना की मीडिया रिपोर्ट सामने आ गई थी। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था। आरोप है कि, सिसोदिया ने शराब घोटाले के सबूत मिटाने के लिए अपना फोन बदल दिया था।
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