चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की है और उन्होंने हाईकमान से जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है। हार के बाद कई नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने में जुट गए हैं, और उम्मीदवारों ने गुटबाजी को हार का मुख्य कारण बताया है।
पार्टी के अंदर चल रही उठापटक के बीच, यह संकेत मिल रहे हैं कि दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी भी हो सकती है। कांग्रेस अब अपनी रणनीति में बदलाव करने की योजना बना रही है, जिसमें विधानसभा में गैर-जाट विधायक को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है। पार्टी हाईकमान ने बाबरिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हार के कारणों पर जवाब मांगा है। दीपक बाबरिया ने कहा कि उन्होंने हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के अगले दिन ही इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने ईवीएम के जरिए हरियाणा की करीब 15 सीटों पर गड़बड़ी की है। बाबरिया ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें चुनाव अभियान में हिस्सा लेने में असमर्थता के कारण आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई थी।
इससे पहले, हार की समीक्षा बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान और बाबरिया शामिल नहीं हुए थे। इन तीनों नेताओं को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था, लेकिन किसी ने भी उपस्थित नहीं होने का प्रयास नहीं किया। बाबरिया वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए, जबकि अन्य दो नेताओं ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला दिया। कांग्रेस पार्टी अब सख्त कदम उठाने के मूड में है, और हाईकमान ने जल्द एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि नतीजे अप्रत्याशित हैं और इनका सच जानने के लिए गहराई से जांच की आवश्यकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव प्रचार अभियान में देरी पर भी चिंता जताई और कहा कि पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति को सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए जो फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी, वह सभी प्रत्याशियों से वन टू वन मिलेगी।
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