भोपाल: NCERT की कक्षा 3 की पर्यावरण की पुस्तक में रीना द्वारा अहमद के नाम लिखे पत्र के मामले में अब बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया है। उन्होंने अपनी एक कथा के चलते उपस्थित लोगों से कहा कि यह समझने की जरुरत है कि रीना से अहमद के नाम पर ही पत्र क्यों लिखवाए गए। यह पत्र आकाश या अमर के नाम भी हो सकता था।
छतरपुर के एक अभिभावक, डॉ. राघव पाठक, ने NCERT की इस पाठ्यपुस्तक के एक अध्याय पर आपत्ति जताते हुए इसे "लव जिहाद" को बढ़ावा देने का षड्यंत्र बताया तथा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. पाठक ने पुलिस को लिखित शिकायत देते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया कि उनकी सात वर्षीय बेटी के पाठ्यक्रम में एक हिंदू लड़की को मुस्लिम लड़के को पत्र लिखने का पाठ पढ़ाया जा रहा है तथा इससे उसकी मानसिकता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। डॉ. पाठक ने अपनी शिकायत में कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिससे हिंदू बच्चियों के कोमल मन में यह बात बैठाई जाए कि मुसलमान सहिष्णु होते हैं तथा इस तरह मुस्लिम लड़कों के प्रति उनके मन में प्रेम, दोस्ती और विश्वास बढ़े। उन्होंने इसे "लव जिहाद" की तरफ बढ़ता हुआ एक कदम बताया।
अपने बयान में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रीना ने अहमद को जो चिट्ठी लिखी, जिसमें उसे छुट्टियों में अगरतला बुलाया गया, वह चिट्ठी अमर, आकाश, अविनाश या आदर्श को भी लिखी जा सकती थी। मगर इसे विशेष रूप से अहमद के नाम पर ही क्यों लिखवाया गया और पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के पीछे की मंशा को समझने की आवश्यकता है। क्या प्रायोजित तरीके से हिंदुओं की बेटियों को "अहमदों के चक्कर" में डालने का प्रयास किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि केवल एक अकेले धीरेंद्र शास्त्री से कुछ नहीं होगा, बल्कि देश के करोड़ों हिंदुओं को जागना होगा तथा अपनी बेटियों को बचाना होगा। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या तुम्हारी बेटियां और बहनें नहीं हैं?"
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